बाढ़ से उत्तर बिहार हलकान, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

बिहार के सीतामढ़ी-शिवहर में बाढ़ में बांध टूबने के बाद लोगों का आवागमन हुआ ठप्प

पटना, 01 अक्टूबर (हि.स.)। नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने उत्तर बिहार के 12 जिलों का हाल बेहाल कर रखा है। बीते 28 सितम्बर को कोसी बराज (सुपौल जिला) और गंडक बराज (पश्चिम चंपारण) जिले से 11 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज होने के बाद उत्तर बिहार के करीब सभी जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की विभिषिका को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मंगलवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

सहरसा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण करने पहुंचे चिराग ने कहा कि प्रत्येक वर्ष आने वाली इस त्रासदी से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।चिराग पासवान यहां सड़क मार्ग से नवहट्टा स्थित ई-2 घाट पहुंचे, जहां से नाव के जरिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना करते हुए केदली गांव पहुंचे। यहां पीड़ितों से मिलकर उनलोगों का हालचाल जाना और पार्टी स्तर से राहत किट का भी वितरण किया। वे यहां से सड़क मार्ग से हेमपुर चौक पर पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और मदद का भरोसा दिया।

मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष आने वाली इस त्रासदी से निबटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से बातचीत कर स्थायी निदान करवाने की बात भी कही।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी आज मंत्री विजय चौधरी, आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सलाहकार दीपक कुमार के साथ हवाई सर्वे किया और हालात की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने दरभंगा, मधेपुरा, अररिया, पश्चिम चंपारण-पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी सहित वैशाली जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। लौटने के क्रम में उन्होंने वैशाली जिले में समुदायिक किचन का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव भी मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

   

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