जालौन, 6 दिसंबर (हि.स.)। सरकार मोटे अनाज की खेती को देशभर में प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए चित्रकूट में बड़े स्तर पर महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस महोत्सव में किसानों और लोगों को मोटे अनाज के फायदे बताकर उनके प्रति जागरूक किया जायेगा और अब बुंदेलखंड के हर जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों में मिलेट्स के प्रसंस्करण, पैकिंग समेत विपणन के लिए एक केंद्र खोला जाएगा। जिससे इस क्षेत्र में मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को फायदा मिल सकता है। जालौन में ऐसे ही एक केंद्र के लिए भूमिपूजन कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बांदा के निदेशक डॉ. एनके बाजपेयी द्वारा किया गया है। इस केंद्र के माध्यम से मोटे अनाजों से बने उत्पादों को हर घर की थाली में शामिल करना है।
दरअसल, मोटे अनाज से शुगर, बीपी जैसी कई तरह की बीमारियों से मरीजों को निजात मिल जाती है। इसीलिए हर किसान को मोटे अनाज की खेती जरूर करनी चाहिए और मोटे अनाज की खेती करके कम लागत में अच्छा मुनाफा भी कमा सकते है। वहीं, एक्सपर्ट की माने तो मोटे अनाजों से बने उत्पादों को हमें भोजन का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे लोगों को सही पोषण मिल सकेगा। वहीं, मिलेट्स केंद्र का निर्माण बुंदेलखंड के सभी जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों में किया जाएगा। जिससे इस क्षेत्र के किसानों को विशेष लाभ मिलेगा। जिससे आने वाले वर्षों में बुंदेलखंड श्री अन्न फसलों के उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र बन जाएगा।
95 लाख रुपए से तैयार होगा केंद्र
इस परियोजना के तहत 95 लाख रुपये की लागत से मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग और विपणन केंद्र का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना में आधुनिक मशीनरी और आवश्यक उपकरण स्थापित किए जाएंगे, ताकि मिलेट्स के उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर हो सके और उनका विपणन किया जा सके। केंद्र के अध्यक्ष, डॉ. मोहम्मद मुस्तफा ने बताया कि बुंदेलखंड की जलवायु मिलेट्स फसलों के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इस कारण राज्य सरकार द्वारा इन फसलों के उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस परियोजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र पर निर्माण कार्य, मशीनरी और अन्य आवश्यकताओं के लिए 95 लाख रुपये की राशि आवंटित की गई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा