सोनीपत: भाषाई अनेकता संगीत व संस्कृति से सशक्त: कुलपति 

3 Snp-1  सोनीपत: डीक्रस्ट में हुआ सूफी धुनों का कार्यक्रम   रूहदाद-ए-मोहब्बत  समापन पर कलाकारों के साथ  डीन।

-डीसीआरयूएसटी में रूहदाद-ए-मोहब्बत

सांस्कृतिक विविधता को जोड़ता है संगीत

-संगीत विभिन्न समुदायों की आत्मा

को जोड़ता है : एनएसआईटी, डीन प्रो.सेंगर

सोनीपत, 3 नवंबर (हि.स.)।

दीनबंधु

छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में आयोजित

सूफी संगीत संध्या रूहदाद-ए- मोहब्बत ने सूफी संगीत की गूंज से श्रोताओं को मोह लिया।

कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.पी. सिंह ने किया। इस अवसर

पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में एकता और विविधता का अनोखा संगम है, जिसे संगीत

और संस्कृति के माध्यम से सशक्त किया जा सकता है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों से

क्षेत्रीय और भाषाई विभाजन को पाटने की शक्ति पर जोर दिया।

कार्यक्रम

का आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) क्लब द्वारा किया गया, जो भारत की सांस्कृतिक

धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के अंतर्गत

आता है।

इस अवसर पर नेताजी सुभाष प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली की डीन प्रो. सुजाता

सेंगर भी मौजूद थीं। उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता का महत्व बताया और कहा कि

संगीत विभिन्न समुदायों को एक आत्मा में जोड़ता है।

शनिवार

की शाम के कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। डीसीआरयूएसटी के कुलपति प्रो.

सिंह ने इस तरह के आयोजनों को भविष्य में भी जारी रखने का संकल्प जताया। उन्होंने कहा

कि ऐसे कार्यक्रम छात्रों में टीम भावना, प्रबंधन कौशल और सकारात्मकता का संचार करते

हैं। प्रो. सेंगर ने भी संगीत को एकता का माध्यम बताया और कलाकारों की तारीफ की।

गूंज

म्यूजिकल सोसाइटी के कलाकारों ने कार्यक्रम में सूफी गीतों का मनमोहक प्रदर्शन किया।

कुछ प्रमुख प्रस्तुतियों में मृदुल का बिना माही किवे, भार्गवी का ये तूने क्या किया

और अक्षय और विपुल का सांसों की माला शामिल रहे, जो श्रोताओं को सूफी संगीत के गहरे

भाव में ले गए।

कार्यक्रम

का समापन भारत माता की जयकारों और राष्ट्रगान के साथ हुआ। यह संगीतमय संध्या डीसीआरयूएसटी

की सांस्कृतिक विविधता और एकता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बन गई। आयोजन में विश्वविद्यालय

के 2000 से अधिक छात्र-छात्राओं और फैकल्टी ने भाग लिया, जिन्होंने सांस्कृतिक एकता

का एक नया अनुभव पाया।

शैक्षणिक

अधिष्ठाता और ईबीएसबी नोडल अधिकारी; प्रो. रजनी शुक्ला, वरिष्ठ संकाय सदस्य प्रो. विजय

शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. सुरेश वर्मा, अकादमिक मामलों की डीन; प्रॉक्टर;

प्रो. परविंदर सिंह, डीन कंप्यूटर विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी प्रो. सुखदीप सिंह,प्रो. सुमन सांगवान, एनएसएस समन्वयक; प्रो. सुमन

गुलिया,प्रो. अंजू, सांस्कृतिक समन्वयक; डॉ. मनीषा, डा.स्नेह, और कई अन्य शामिल रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना

   

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