प्रशांत कुमार बोले- चयन आयोग जीरो टॉलरेंस से चलेगा:असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की जांच कराएंगे; यूपी में भर्तियां पारदर्शी होंगी

यूपी के DGP रहे प्रशांत कुमार अब उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष बनाए गए हैं। शुक्रवार दोपहर उन्होंने लखनऊ से प्रयागराज में आयोग पहुंचकर कार्यभार संभाला। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा- आयोग को जीरो टॉलरेंस नीति के तहत चलाने का प्रयास करेंगे। 16-17 अप्रैल को असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा हुई। अभ्यर्थियों ने रिजल्ट के बाद आरोप लगाए हैं कि इसमें भ्रष्टाचार हुआ है। सिर्फ तीन जिलों में ज्यादा चयन हुआ है, जिसमें मेरठ, मथुरा और गोरखपुर के छात्र शामिल हैं। यह परीक्षा ब्लैक लिस्टेड कंपनी से कराई गई है। छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इस पर प्रशांत कुमार ने कहा- ऐसी स्थिति में परीक्षा और रिजल्ट की पहले जांच कराएंगे। रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेंगे। अब पढ़िए प्रशांत कुमार से बातचीत... सवाल: आयोग के नए अध्यक्ष के रूप में आपकी प्राथमिकताएं क्या होंगी? जवाब: मेरी शीर्ष प्राथमिकता होगी कि जो भी काम यहां (आयोग) से हों, वह पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हों और शासन की जो नीति है उसके अनुरूप हों। जो चीजें पेंडिंग हैं उसे कैसे पूरा किया जाएगा। इस पर फोकस होगा। सवाल: जनवरी में होने वाली टीईटी परीक्षा पर क्या कहेंगे? जवाब : चूंकि यह बड़ी परीक्षा है और इसमें लाखों परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा में ज्यादा समय नहीं है, ऐसे में आयोग के अपने अफसरों के साथ बैठक करके विचार विमर्श किया जाएगा। परीक्षा को लेकर जल्द ही स्पष्ट निर्णय लिया जाएगा। सवाल : 16-17 अप्रैल को कराई गई असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की शुचिता पर प्रश्नचिह्न लगे हैं। क्या कहेंगे? जवाब : ऐसी स्थिति में इस परीक्षा और इसके घोषित परिणाम का पहले परीक्षण कराया जाएगा। परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर साक्षात्कार के आयोजन पर निर्णय लिया जाएगा। सवाल : पारदर्शी तरीके से भर्ती प्रक्रिया पूरा कराना कितना चुनौतीपूर्ण होगा? जवाब : इस आयोग का मुख्य काम यहां भर्तियों का है। इसलिए जो भी बैकलॉग है उसे कैसे पूरा किया जाए, इसके लिए आयोग के सदस्यों और अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे। एक समय सारिणी निर्धारित की जाएगी, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस पर ध्यान दिया जाएगा कि जो छात्र हैं, उन्हें पारदर्शी तरीके से मेरिट बेस्ड भर्तियों का लाभ मिले। जिस तरह से शासन की स्पष्ट नीति है, उसके हिसाब से मेरिटोरियस अभ्यर्थी हैं, वो चयनित हों। प्रशांत कुमार हैं आयोग के चौथे अध्यक्ष दरअसल, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग एवं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को भंग करके 2 साल पहले अगस्त 2023 में नया उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भर्ती का काम इसी आयोग के पास है। पिछले करीब 2 सालों में प्रशांत कुमार चौथे अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इसके पहले एमपी अग्रवाल (IAS) 20 मार्च 2023 को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए गए थे। उनका कार्यकाल करीब 8 महीने यानी चार सितंबर 2024 तक रहा। इसके बाद प्रो. कीर्ति पांडेय 5 सितंबर 2024 को अध्यक्ष बनाई गईं जो करीब एक साल यानी 26 सितंबर तक रहीं लेकिन पूरा कार्यकाल विवादों में रहा। उनके इस्तीफे के बाद रिटायर्ड जिला जल रामसुचित को 26 सितंबर 2025 को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया। अब 19 सितंबर 2025 को यूपी के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार ने अध्यक्ष पद की कमान संभाली है। आयोग के प्रति प्रतियोगी छात्रों की है नाराजगी आयोग के गठन के 2 साल से ज्यादा के समय बीत चुके हैं। लेकिन यह आयोग एक भी भर्ती कराने में सफल साबित नहीं हो सका। एक साल से ज्यादा समय से लगातार प्रतियोगी छात्र आयोग के गेट पर प्रदर्शन करते नजर आए। स्थिति यह है कि TGT-PGT जैसी परीक्षाओं को 4 बार टाला गया लेकिन परीक्षा नहीं हो सकी। यूपी सरकार ने 2024 में उच्च और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का विलय कर दिया था। दोनों आयोग को मिलाकर यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया था। पहली अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय थीं। उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। अब प्रशांत कुमार आयोग के दूसरे अध्यक्ष होंगे। 10 दिसंबर को पूरी हुई भर्ती प्रक्रिया यूपी शिक्षा चयन आयोग में नए अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया 10 दिसंबर को पूरी हुई है। आवेदन 21 अक्टूबर तक मांगे गए थे, लेकिन बाद में विज्ञापन में संशोधन किया गया और दोबारा आवेदन मांगे गए। रिटायर्ड IPS प्रशांत कुमार ने भी आवेदन किया था। पूर्व अध्यक्ष कीर्ति पांडेय के इस्तीफे के बाद आयोग के काम ठप पड़े थे। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का इंटरव्यू के साथ टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। उम्मीद है कि नए अध्यक्ष की औपचारिक नियुक्ति के साथ नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो जाएंगी। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमार प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। 300 से ज्यादा किए एनकाउंटर रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशांत कुमार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। यूपी में खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग का आतंक था। IPS प्रशांत ने अपनी टीम के साथ मिलकर इन गैंग के कई अपराधियों का सफाया किया। इन वजहों से सुर्खियों में रहे प्रशांत कुमार कांवड़ यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा कराई थी यूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशांत कुमार ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसवा दिया। इस मामले को लेकर उनकी खूब आलोचना हुई। उन्होंने कहा था- यह घटनाक्रम धार्मिक एंगल से न देखा जाए। स्वागत के लिए फूलों का इस्तेमाल होता है। प्रशासन हर धर्म का सम्मान करता है। फिर चाहे गुरुपर्व, ईद, बकरीद और जैन त्यौहार क्यों न हो। प्रशासन इन सब मौकों पर भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करता है। हाथरस कांड पर कहा था- रेप नहीं हुआ 2020 में हुए हाथरस कांड में प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि इस घटना में 19 साल की दलित लड़की के साथ रेप नहीं हुआ था। लखनऊ में उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक युवती की मौत गले में चोट लगने और उससे हुए सदमे की वजह से हुई थी। फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। -------------------- यह भी पढ़िए:- एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी:नियम तोड़ने पर लगेगा भारी जुर्माना; योगी मथुरा हादसे के बाद सख्त मथुरा हादसे में 19 मौतों के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। सरकार ने आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोनों एक्सप्रेस-वे पर अभी तक छोटे वाहन (कार/जीप) ड्राइवरों को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने की परमिशन थी। अब इसे घटाकर 80 किमी कर दिया गया है। पढ़ें पूरी खबर...

   

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