भारत में डिजिटल क्रांति से सुगम हुआ है जीवन: कीर्ति वर्धन
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- Dec 09, 2024
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय विदेश, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व व सोच का प्रभाव है कि आज पूरी दुनिया भारत में हुए डिजिटल क्रांति की तारीफ कर रही है। मोदी सरकार द्वारा 01 जुलाई 2015 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं, डिजिटल पहुंच, डिजिटल समावेशन और डिजिटल सशक्तीकरण को सुनिश्चित करके भारत को ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था और डिजिटल रूप से सशक्त समाज में परिवर्तित करना था। आज अगर आप एक क्लिक से पैसा ट्रांसफर करने से लेकर तमाम जरूरी काम कर पाते हैं तो इसके पीछे प्रधानमंत्री मोदी की व्यापक सोच है।
केंद्रीय राज्य मंत्री सोमवार को जोरबाग स्थित पर्यावरण भवन में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तथा कनेक्टिविटी विषय पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने 2047 में विकसित भारत की नींव रख दी है। पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने देश में डिजिटल क्रांति लाने और लोगों को डिजिटली काम करने के लिए प्रेरित किया है, जो अभूतपूर्व है। इसका सीधा सकारात्मक असर 140 करोड़ देशवासियों पर हो रहा है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने भारत में डिजिटल क्रांति को लेकर विदेश में हो रही चर्चा व अनुभव से भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि जब वे विदेश में प्रवास पर होते हैं तो वहां की सरकार के प्रतिनिधि व जनमानस के मुंह से भारत की डिजिटल क्रांति की बात सुनकर बहुत अच्छा लगता है। यह सुखद है कि डिजिटल इंडिया को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के विजन ने पूरे देश को विश्व मानचित्र पर एक अलग पहचान दिलाई है।
उन्होंने कहा कि जब डिजिटल इंडिया की शुरुआत हो रही थी, तब विपक्ष के मित्रों ने जमकर आलोचना की लेकिन वे सब गलत साबित हुए। देश में डिजिटल सेवाओं की वजह से भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगा है। यूपीआई, डिजी लॉकर, डिजी यात्रा, कोविन, आरोग्य सेतु, ई-संजीवनी, उमंग, जेम, दिक्षा, ई-हॉस्पिटल और ई-कोर्ट आदि ऐसे कई पहल करोड़ों जिंदगियों को छू रही हैं। उनके कार्यों को सरल व सुगम बना रहे हैं। देश में डिजिटल क्रांति का ही कमाल है कि अगर देश की राजधानी से 100 रुपये निकलते हैं तो वो 100 के 100 रुपये लाभार्थियों के पास पहुंचते हैं। गांवों में इंटरनेट की पहुंच हुई है। उन्होंने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का जिक्र करते हुए कहा कि डिजिटल माध्यम से यहां का कार्य काफी व्यवस्थित हुआ है। परिवेश पोर्टल से समस्याओं का समाधान शीघ्र हो रहा है। पहले एनवायरमेंट क्लीयरेंस के लिए काफी वक्त लगता था। अब परिवेश पोर्टल ने उसे काफी सुगम व पारदर्शी बना दिया है। देश में डिजिटल क्रांति की वजह से कार्यों में पहले की तुलना में काफी सुगमता आई है।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि भारत की डिजिटल भुगतान क्रांति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गति पकड़ रही है। वर्तमान में यूपीआई का उपयोग 7 देशों में पेमेंट के लिए किया जा सकता है। यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस में यह सुविधा उपलब्ध है। फ्रांस में यूपीआई का आना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह यूरोप में पहली बार उपयोग किया जा रहा है। यह विस्तार भारतीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों को विदेश में रहते हुए या यात्रा करते हुए भी सहजता से भुगतान करने और प्राप्त करने में सक्षम बनाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी