देश से लुप्त हो रही कलाओं को पुनः जनमानस तक पहुंचाया जाये : राज्यपाल

कानपुर, 08 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय पारम्परिक कारीगरों को अपनी कला को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का मंच प्रदान करने वाली संस्था ग्रामश्री विगत कई वर्षों से कार्य कर रही है। संस्था की पहल पर कानपुर के लाजपत भवन में पांच दिवसीय क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी लगी है। ऐसी प्रदर्शनी लगवाने से लोगों को रोजगार के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को अक्षुण्ण बनाये रखा जा सकेगा। हमारा दायित्व है कि देश से लुप्त हो रही कलाओं को पुनः जनमानस तक पहुंचाया जाये, इसके लिये सभी को इन कलाओं से जुड़े कारीगरों को प्रोत्साहित करना चाहिये। यह बातें शुक्रवार को कानपुर पहुंची प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही।

लाजपत भवन मातीझील में आयोजित क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी का उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उद्घाटन कर विभिन्न राज्यों से आये कारीगरों का उत्साहवर्धन किया। इस प्रदर्शनी में देश के लगभग 22 राज्यों के 100 से अधिक कारीगर 70 से अधिक हस्तकलाओं का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसमें राजस्थान की लाख की चूड़ियां व मिनिएचर पेंटिंग, ओडिशा के पट्ट, यूपी के कांच का सामान, कश्मीर के गर्म कपड़े, फैशन परिधान, कालीन आदि के स्टॉल लगाये गये हैं।राज्यपाल ने कहा कि यह क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी कानपुर में 08 से 12 नवम्बर तक आयोजित की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारे बीच में कानपुर नगर के औद्योगिक जगत, शिक्षा जगत के वरिष्ठ लोग व समाज सेवी संस्थानों एवं देश भर के निपुण कारीगरों की उपस्थिति में क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी लगायी गयी है, इसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं। इस दौरान आईआईटी कानपुर एवं क्राफ्टरूट्स संस्था के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी किये गये। राज्यपाल ने इस पर कहा कि नयी पीढ़ी भी इन कलाओं से प्रेरित होकर इनकी ओर आकर्षित हो रही है।

इस अवसर पर आईआईटी निदेशक प्रो. मणीन्द्र अगवाल, सीएसजेएमयू के प्रो. विनय पाठक, एचबीटीयू के कुलपति प्रो. शमशेर, सीएसए कुलपति प्रो. ए.के. सिंह, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय, भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. आशु रानी, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन आदि मौजूद रहें।

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हिन्दुस्थान समाचार / अजय सिंह

   

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