झज्जर, 8 नवंबर (हि.स.)। लक्ष्मी रूप बीर का हो सै घर भरवाना चाहिए, याहे कसूर सै फूल सिंह का ब्याह करवाना चाहिए। पंडित लख्मीचंद रचित फूल सिंह-नौटंकी सांग की इस मशहूर रागनी के साथ ही बहादुरगढ़ में आयोजित हरियाणवी सांग समारोह शुक्रवार को संपन्न हो गया।
कवि सूर्य पंडित लख्मीचन्द धर्मशाला प्रबंध समिति द्वारा आयोजित पांच दिवसीय हरियाणवी सांग समारोह के अंतिम दिन प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णुदत्त ने फूल सिंह-नौटंकी का किस्सा सुनाया। सब समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक नरेश कौशिक उपस्थित रहे। नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी अति विशिष्ट अतिथि थी।
नप के वाइस चेयरमैन राजपाल शर्मा विशिष्ट अतिथि रहे। मुख्य अतिथि नरेश कौशिक ने धर्मशाला समिति को एक लाख एक हजार रुपये दान दिए। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कौशिक ने कहा कि पंडित लख्मीचन्द ने हरियाणवी कला को जिस तरह से उभारा वह अपने आप में मिसाल है। हरियाणवी संस्कृति के प्रसार व प्रचार के लिए पंडित विष्णुदत सराहनीय कार्य कर रहें हैं।
चेयरपर्सन सरोज रमेश राठी ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति को जीवित रखने में पंडित लख्मीचन्द का योगदान अमिट रहेगा। कलाकारों ने फूलसिंह-नौटंकी के किस्से का वर्णन कर दर्शकों का मन मोह लिया। पाँच दिवसीय सांग के समापन पर प्रसिद्व सांगी विष्णुदत्त और उनकी पूरी टीम को धर्मशाला समिति की ओर से सम्मानित किया। प्रधान प्रवीण शर्मा और महासचिव सतीश शर्मा ने पंडित लखमीचंद धर्मशाला के लिए सांग में दान देने वाले सभी दानियों का धन्यवाद किया।
सांग के समापन समारोह में पार्षद अनिल सिंघल, धर्मवीर वर्मा, टोनी सरंपच कसार, राजेन्द्र शर्मा महराना, नरेश गौड़, बिजेन्द्र गान्धरा, ललित पाराशर, अशोक शर्मा, पूर्व पार्षद जसबीर सैनी, सुखबीर सौलधा, प्रधान महेन्द्र आसौदा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सांग के आयोजन में उपाध्यक्ष बलराम गौतम, कोषाध्यक्ष रमेश शर्मा, सचिव हरिओम हरितश, बिल्लू पाराशर, मास्टर रमेश, मामनराम, रमेश कौशिक, राजकुमार वशिष्ट राजकुमार, मन्जीत पाराशर, भक्त हरिओम मुदगिल, अतरसिंह, सुमीत अत्री, ओमकार, ब्रहमप्रकाश व सतीश आसौदा सहित सभी सदस्यों का सहयोग रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज