इंजीनियरिंग निर्यात को विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप अग्रणी बनाना जरूरी : पीयूष गोयल
- Admin Admin
- Nov 07, 2024
नई दिल्ली, 07 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत के इंजीनियरिंग निर्यात को विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप अग्रणी बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इंजीनियरिंग सेक्टर को सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ बेहतर आपूर्ति श्रृंखलाओं और वस्तुओं के उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाना होगा।
पीयूष गोयल इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (ईईपीसी) की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में इंजीनियरिंग सेक्टर के सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने अनुपालन बोझ को कम करने तथा कारोबार को आसान बनाने के लिए नियमों को सरल बनाने के सरकार के प्रयासों का उल्लेख किया। इस मौके पर पीयूष गोयल ने ईईपीसी इंडिया के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का भी अनावरण किया। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में पीयूष गोयल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोबिलिटी, कैपिटल गुड्स और स्टील इंडस्ट्री से जुड़े क्षेत्रों में ईईपीसी इंडिया ने देश की क्षमताओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगले 5-6 वर्षों में 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निर्यात तक पहुंचने के ईईपीसी इंडिया के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह लक्ष्य विश्व के सामने नए भारत के साहस और दृढ़ विश्वास को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'शून्य दोष और शून्य प्रभाव' के मंत्र को दोहराते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि गुणवत्ता और स्थिरता ही दुनिया के सामने भारत की पहचान बनने जा रही है। उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पादकता तथा लागत प्रतिस्पर्धात्मकता विकसित भारत की ओर देश की यात्रा को परिभाषित करती है। उन्होंने कहा कि हम अपनी महत्वाकांक्षा, मिशन और विजन में किसी से भी पीछे नहीं रहना चाहते।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष अरुण कुमार गरोडिया ने कहा कि इंजीनियरिंग निर्यात को बढ़ावा देने वाली प्राथमिक संस्था के रूप में ईईपीसी इंडिया इस क्षेत्र की वैश्विक उपस्थिति का विस्तार करने, अनुकूल नीतियों की वकालत करने तथा सदस्यों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सहायता करने के प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि भारत मोबिलिटी, इंटरनेशनल इंजीनियरिंग सोर्सिंग शो (आईईएसएस), इंडियन इंजीनियरिंग एग्जीबिशन (आईएनडीईई), एक्सपोर्ट एक्सीलेंस अवॉर्ड्स, क्वालिटी अवॉर्ड्स, ग्रीन अवॉर्ड्स और इंडिया पैवेलियन जैसी मंत्रालय की पहल नवाचार और स्थिरता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा कि ये पहल भारतीय इंजीनियरिंग उत्पादों के उच्च वैश्विक मानकों को पूरा करने और तेजी से बदलते बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहना सुनिश्चित करती है।
ईईपीसी इंडिया के अध्यक्ष ने कहा कि निर्यात संवर्धन परिषद ने पिछले 70 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और यह अगले 70 वर्षों को और भी अधिक उल्लेखनीय बनाने का अपना प्रयास जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि निर्माताओं और निर्यातकों के लिए ईईपीसी इंडिया के समर्थन ने वित्त वर्ष 2024 में इस क्षेत्र के 109 बिलियन डॉलर के निर्यात में योगदान दिया है और ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और चिकित्सा उपकरणों जैसे क्षेत्रों में मेक इन इंडिया पहल को आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि ईईपीसी इंडिया के सदस्यों की संख्या वर्ष 1955 में केवल 40 थी, जो वर्ष 2024 में बढकर 9,500 तक पहुंच गई है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक