क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड पाइंट मिलने और बिल माफ होने का झांसा देकर दोस्त से दगा, 88 लाख का गबन

जोधपुर, 24 सितम्बर (हि.स.)। शहर के नाडी मोहल्ला मदेरणा कॉलोनी में रहने वाले एक युवक को उसके दोस्त ने झांसे में लेकर क्रेडिट कार्ड पर रिवार्ड पांइट का बोला। कार्ड का बिल माफ करने के साथ राशि लौटने की बात की। झांसे में उसके क्रेडिट कार्ड से 88 लाख का गबन दिया गया। पीडि़त ने अदालत की शरण लेकर अब उदयमंदिर थाने में धोखाधड़ी में रिपोर्ट दी है।

मदेरणा कॉलोनी नाडी मोहल्ला निवासी विशाल सिंह पुत्र जय सिंह की तरफ से रिपोर्ट दी गई। इसमें बताया कि गौरव खींवसरा पुत्र सुरेन्द्रराज जैन निवासी ब्लू टाउन, रेस्टॉरंट, के.एन. कॉलेज के सामने, रातानाडा, गुरजोत सिंह सरदार, निवासी रातानाडा एवं रोनित बेंदा निवासी सारण नगर ने मिलकर उसके साथ छलपूर्वक गबन किया। परिवादी के अनुसार उसने इण्डसइण्ड बैंक से एक क्रेडिट कार्ड ले रखा है। जिस कार्ड का परिवादी द्वारा पिछले करीब तीन-चार साल से लगातार उपयोग-उपभोग किया जा रहा है एवं समय समय पर कार्ड का भुगतान परिवादी द्वारा किया जा रहा है। माह जुलाई 2023 के प्रथम सप्ताह में परिवादी के मित्र गौरव जैन जो कि ब्लु टाउन नाम में रेस्टोरेंट चलाता है, यह रेस्टोरेंट के एन कॉलेज के सामने, राइका बाग पर आया हुआ है जहां गया तब उसने परिवादी को गुरजोत सिंह सरदार से फोन पर बात करवाई तथा परिवादी को यह बताया गया कि उसके क्रेडिट कार्ड में रिवार्ड पोइंन्ट मिलते है उनसे परिवादी का बिल जमा हो सकता है तथा यह पोइन्ट उनके मिलने वाले व्यक्ति रोनित बंदा जोकि सारण नगर, जोधपुर में रहता है वो दिलवा सकता है। इनके झांसे में आकर परिवादी क्रेडिट कार्ड व फोन की सिम को लेकर चला गया। कि परिवादी अकसर अपने अभियुक्त संख्या-01 के रेस्टोरेंट जाता आता रहता है, जिससे परिवादी के घनिष्ठ सम्बन्ध है। अभियुक्तगण ने परिवादी को दो-चार दिन में उसका के्रडिट कार्ड व फोन की सिम वापिस देने बाबत् कहा था। मगर वे आनाकानी करने लगे। उसे झांसे में लिया गया कि उसके क्रेडिट कार्ड का जो बिल 1,29,000 रुपए है वो पूरा माफ हो जायेगा। इसके अलावा रिवार्ड का और भी पैसा तुम्हें मिलेगा। आरोपिताें ने उसका क्रेडिट कार्ड एवं सिम नहीं लौटाई। तब उसने बाद में नई सिम और कार्ड ले लिया। इण्डसइण्ड बैंक से परिवादी के क्रेडिट कार्ड का स्टेटमेंट व बिल परिवादी को प्राप्त हुआ, जिसे देखकर परिवादी आचार्यचकित रह गया। आरोपिताें द्वारा परिवादी का क्रेडिट कार्ड का लगातार दुरूपयोग किया तथा परिवादी के क्रेडिट कार्ड की लिमिट 1,29,000 रुपये थी। आरोपिताें ने उसके साथ 88 लाख 98 हजार 925 रुपये का गबन किया। इसके बाद अभियुक्तगणों ने परिवादी से बातचीत करना बंद कर दिया तथा परिवादी द्वारा बार बार अपना क्रेडिट कार्ड व सिम अभियुक्तगण से मांगने पर भी अभियुक्तगण ने आज तक परिवादी को उसका क्रेडिट कार्ड व सिम नहीं लौटायी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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