हिसार, 6 दिसंबर (हि.स.)। नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी आफ इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज एंड इंजीनियर ने चंडीगढ़ बिजली विभाग व यूपी के आगरा व वाराणसी डिस्कॉम को निजी हाथों में सौंपने के विरोध में शुक्रवार को देशभर में रोष प्रदर्शन किया। इसी के तहत ऑल हरियाणा पावर कारपोरेशन वर्कर्स यूनियन की सिटी हिसार, मॉडल टाऊन, सिविल लाइन और टीएस सब यूनिट ने इस निर्णय के खिलाफ गेट मीटिंग की गई। मीटिंग की अध्यक्षता सब यूनिट प्रधान सुरेंद्र फौजी व सुशील ने किया तथा संचालन सचिव अंकित पुनिया व जयकुमार ने किया।
गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनिट प्रदान सुरेश रोहिल्ला व सचिव अनिल वर्मा, केंद्रीय कमेटी के सदस्य अशोक सैनी व दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया में कई गड़बडिय़ां की गई हैं, इसलिए इसको रद्द कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया है कि एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (ईईडीएल) के पास मई 2022 की ऑडिटर रिपोर्ट के मुताबिक कोई संपत्ति, संयंत्र और उपकरण नहीं हैं। किसी भी खराबी या बिजली में व्यवधान की स्थिति में कंपनी यूटी चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति बनाए रखने में पूरी तरह से विफल हो जाएगी। चंडीगढ़ बिजली विभाग पिछले कई वर्षों से मुनाफा कमा रहा है और हर साल इसमें बढ़ोतरी हो रही है।बिना किसी आधार के निजीकरण कर संकट पैदा किया गया है। उन्होंने बताया कि जिस दिन कंपनी काम को टेकओवर करेगी, उसी दिन हरियाणा में भी बिजली कर्मी चंडीगढ़ के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में काम का बहिष्कार कर सडक़ों पर उतरेंगे। उन्होंने जारी एलओआई रद्द करने की मांग करते हुए कहा गया कि कंपनी को बिजली वितरण का कोई अनुभव नहीं है। अगर सरकार ने निजीकरण के इस फैसले को वापस नहीं लिया तो यूनियन आने वाले समय में और बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होगी। गेट मीटिंग में त्रिलोक शर्मा, सुभाष लाम्बा, रमेश गोयत, परमजीत सैनी, प्रताप, प्रदीप शर्मा, राकेश जांगड़ा, कुलदीप दलाल व जोगिंदर पूनिया का आदि कर्मचारियों ने भाग लिया।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर