हिमाचल प्रदेश शैक्षणिक संस्थाओं की रैकिंग करने वाला पहला राज्य : मुख्यमंत्री

शिमला, 1 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जो विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की रैंकिंग कर रहा है, इससे शैक्षणिक संस्थाओं का आत्म निरीक्षण तथा अंकेक्षण सुनिश्चित होगा और उन्हें अपनी कमजोरी व सामर्थ्य का भी पता चल पाएगा। उन्होंने कहा कि जिन शैक्षणिक संस्थाओं की बेहतर रैंकिंग होगी उनके लिए परफार्मेंस बेस्ड ग्रांट की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री शनिवार देर सायं शिमला के पीटरहॉफ में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित प्रधानाचार्य सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राजकीय स्नातक महाविद्यालयों और संस्कृत महाविद्यालयों के पुस्तकालयों की ग्रेडिंग भी जारी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के ध्येय के साथ हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही है। उन्होंने कहा कि अब सभी सरकारी विभागों में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ए.सी.आर.) फार्म बदले जाएंगे और ए.सी.आर. दर्ज करने के लिए न्यूमेरिकल आधारित प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके सफल कार्यान्वयन के दृष्टिगत ऑनलाइन प्रणाली विकसित की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य की वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियां बढ़ाई जाएगी। शिक्षा विभाग में डिसेंट्रलाइजेशन ऑफ पाॅवर किया जाएगा, इस प्रयास से सुशासन के साथ-साथ विभिन्न कार्यों की समयबद्धता भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य को गरीब एवं जरूरतमंद छात्रों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने की वित्तीय शक्तियां भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ‘हॉरली बेसिज पीरियड कंसेप्ट’ (प्रति घंटा आधार पीरियड) पर कार्य कर रही है ताकि अध्यापकों की कमी होने की स्थिति में इस आधार पर सेवाएं ली जा सकें। इसके साथ-साथ नियमित आधार पर अध्यापकों की नियुक्ति भी सुनिश्चित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि संस्कृत महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं आरंभ करने पर भी विचार किया जाएगा। जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालयों को और सशक्त किया जाएगा तथा दूरदराज के क्षेत्रों में स्थित महाविद्यालयों को आवश्यकता के आधार पर हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसर विकसित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन स्नातक महाविद्यालयों में बीएड पाठ्यक्रम शुरू करेगी जहां पर्याप्त आधारभूत ढांचा उपलब्ध है। प्रदेश सरकार आगामी वित्त वर्ष से शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने जा रही है। सरकार शैक्षणिक संस्थाओं को सुदृढ़ कर रही है क्योंकि गुणात्मक शिक्षा प्रदान किए बिना छात्रों को दी गई डिग्रियों की उपयोगिता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जुनून के साथ आगे बढ़ रही है। स्वास्थ्य शिक्षा में भी गुणात्मक बदलाव लाए जा रहे हैं और नवीनतम चिकित्सा प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने के लिए भी नवोन्मेषी कदम उठाए गए हैं। इस वर्ष इस क्षेत्र के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिक, प्रारंभिक तथा उच्च शिक्षा संस्थानों में उपलब्ध संसाधनों का सांझा उपयोग सुनिश्चित करने पर बल दे रही है। समय की मांग के अनुरूप पहली कक्षा से छात्रों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने की पहल को साकार किया गया है। इससे विशेष रूप से गांव के बच्चों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जिला, उपमंडल मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर आधुनिकतम सुविधाओं से युुक्त पुस्तकालय खोले जाएंगे। प्रथम चरण में 493 पुस्तकालय खोले जाएंगे जिस पर 88 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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