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इटानगर, 12 फरवरी (हि.स.)। त्रिपुरा सरकार के हथकरघा, हस्तशिल्प और रेशम उत्पादन निदेशालय की ओर से बहुप्रतीक्षित हस्तशिल्प प्रदर्शनी 2025 का उद्घाटन आज अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर के दोरजी खांडू सभागार में हुआ।
व्यापक हस्तशिल्प क्लस्टर विकास योजना (सीएचसीडीएस) के तहत आयोजित और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय द्वारा प्रायोजित इस प्रदर्शनी में त्रिपुरा, असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के कारीगर और शिल्पकार एक साथ आए हैं।
अरुणाचल प्रेदश के कपड़ा और हस्तशिल्प मंत्री न्यातो डुकम ने अरुणाचल प्रदेश में कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस तरह की प्रदर्शनियां आर्थिक लाभ से परे हैं, जो कारीगरों के लिए ज्ञान का आदान-प्रदान करने, कौशल साझा करने और एक-दूसरे के शिल्प कौशल से सीखने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करती हैं। मंत्री ने अरुणाचल प्रदेश और अन्य राज्यों के बीच भविष्य में सहयोग की आशा व्यक्त की तथा पारस्परिक कार्यक्रमों की कल्पना की जो अंतर-राज्यीय सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेंगे।
इस हस्तशिल्प प्रदर्शनी में कुल 100 स्टॉल हैं, जिनमें हथकरघा, पारंपरिक शिल्प, आभूषण और अन्य सहित विविध प्रकार के हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शनी और बिक्री की जाएगी।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, त्रिपुरा के हथकरघा और हस्तशिल्प मंत्री बिकाश देबबर्मा ने इटानगर में प्रदर्शनी की सुविधा के लिए अरुणाचल प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कारीगरों को अपने शिल्प को निखारने के लिए प्रेरित करने और उन्हें अपने उत्पादों के लिए एक बहुत जरूरी बाजार प्रदान करने में ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' के आह्वान को दोहराते हुए मंत्री देबबर्मा ने कहा कि यह प्रदर्शनी स्वदेशी हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और स्थानीय कारीगरों के लिए स्थायी आजीविका बनाने के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह प्रदर्शनी 12 से 21 फरवरी तक जनता के लिए खुली रहेगी, जो आगंतुकों को पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल का पता लगाने और उसका समर्थन करने का अवसर प्रदान करेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / तागू निन्गी