भारत-चीन के बीच तनाव कम होने के बाद भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में गश्त शुरू की

लद्दाख, 1 नवंबर (हि.स.)। भारत और चीन के बीच तनाव कम होने के बाद भारतीय सैनिकों ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में गश्त शुरू कर दी।

यह घटनाक्रम भारत और चीन के बीच तनाव कम करने और डेमचोक और देपसांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा की अपनी धारणा के अनुसार समन्वित गश्त शुरू करने पर सहमत होने के बाद हुआ है।

पूर्वी लद्दाख के डेमचोक सेक्टर में आज भारतीय सैनिकों द्वारा गश्त शुरू कर दी गई है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि देपसांग सेक्टर में भी जल्द ही गश्त शुरू होने की उम्मीद है। समन्वित गश्त का मतलब यह होगा कि दोनों पक्षों को गश्त के कार्यक्रम के बारे में पता होगा।

इससे पहले गुरुवार को दिवाली के अवसर पर लद्दाख सेक्टर में विभिन्न सीमा बिंदुओं पर दोनों देशों की सेनाओं ने एक-दूसरे को मिठाइयां बांटी। लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स, काराकोरम दर्रे, दौलत बेग ओल्डी, कोंगक्ला और चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन बिंदु पर भारतीय और चीनी सेना ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।

लद्दाख के सांसद हाजी हनीफा ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पीछे हटने का स्वागत किया।

सांसद हनीफा ने कहा कि हममें से जो लोग सीमा के पास रहते हैं, वे जानते हैं कि युद्ध कैसा लगता है। हम सीमा पर शांति चाहते हैं। हम दोनों देशों के बीच समझौते का स्वागत करते हैं लेकिन हम इसे जमीन पर लागू होते देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक तरीकों से सीमा पर तनाव कम किया जाना चाहिए।

इससे पहले थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जोर देकर कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विश्वास बहाल करना एक क्रमिक प्रक्रिया होगी जो अप्रैल 2020 की यथास्थिति पर वापस लौटेगी, उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए पीछे हटने, तनाव कम करने और बफर जोन प्रबंधन के कदमों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने आगे बताया कि यह प्रक्रिया चरणों में होगी जिसमें प्रत्येक चरण का उद्देश्य तनाव कम करना होगा।

भारत में चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने कहा कि पड़ोसी देशों के रूप में भारत और चीन के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मतभेदों को कैसे संभाला जाए और कैसे हल किया जाए।

भारत और चीन ने हाल ही में भारत-चीन सीमा पर एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर सहमति व्यक्त की है। भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध 2020 में एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ था जो चीनी सैन्य कार्रवाइयों से शुरू हुआ था। इस घटना के कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव रहा जिससे उनके संबंधों में काफी तनाव आया।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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