जींद, 1 दिसंबर (हि.स.)। बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय टीम ने रविवार को बराह खुर्द में एक बालिका को वधु बनने से बचाया। टीम ने बाल विवाह की सूचना पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग की शादी को रूकवाया और साथ ही परिजनों को विवाह न करने के लिए चेताया।
इसके अलावा बाल विवाह अधिनियम की जानकारी भी दी। जिस पर परिजनों ने आश्वासन दिया कि अब वह बालिग होने पर ही विवाह करेंगे।
बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली थी कि गांव बराह खुर्द में एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात करनाल जिले के शांपली से आई हुई है।
इस पर कार्रवाई करते हुए सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान, महिला सिपाही आरती, नीलम, सिपाही सुरेंद्र, प्रवीन के साथ मौके पर पहुंचे। टीम द्वारा लड़की के परिवार वालों से लड़की के जन्म से संबंधित कागजात मांगे तो परिजनों ने पहले तो टाल मटोल करने की कोशिश की और शादी ना होने की बात कही लेकिन जब मौके पर अन्य मौजिज व्यक्तियों को बुलाया गया तो लगभग दो घंटे के बाद जो सबूत दिखाए गए। जिसमें लड़की की उम्र मात्र साढ़े 12 वर्ष पाई गई और शादी में आया दूल्हे की उम्र साढ़े 31 वर्ष मिली। दुल्हे व दुल्हन की उम्र में करीब 19 वर्ष का अंतर मिला।
इस पर उसके परिजनों द्वारा बताया गया कि लड़की के माता-पिता अनपढ़ हैं। जोकि उसकी मां बीमार रहती है और उसे किसी कानून की कोई जानकारी नही है। इसलिए वह गलती से ऐसा कर रहे थे। इस पर सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को समझाया गया कि आपकी लड़की नाबालिग है।
इसलिए आप उसके बालिग होने तक का इंतजार करें ताकि कोई कानूनी अड़चन न आए। इसके बावजूद भी अगर आप नाबालिग लडक़ी की शादी करते हैं तो आप सभी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर परिवार सहमत हो गया तथा शादी को स्थगित कर दिया गया और परिवार द्वारा महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध विभाग के अधिकारियों को लिखित बयान दिए कि वह कानून की पालना करेंगे तथा लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी करेंगें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा