हिसार: सत्य को जान लो और दुखों से मुक्त हो जाओ : डॉ. गोपाल शास्त्री

अग्रसेन भवन में स्वास्थ्य एवं अध्यात्म प्रयोगशाला में किया आह्वान

हिसार, 5 नवंबर (हि.स.)। तंदरुस्त शरीर व आनंदपूर्ण मन मानव की मौलिक मांग है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति आनंद की खोज में लगा है परंतु जैसे-जैसे वह आनंद की खोज में भागता है। दु:ख इसके ऊपर लदे चले जाते हैं। चाहता स्वास्थ्य है और आता रोग है। चाहता आनंद है और आता दु:ख है।

यह बात अग्रसेन भवन ट्रस्ट के सहयोग से ब्रह्मलीन ह्रदयनारायण (योगीजी) की प्रेरणा से संचालित तप सेवा सुमिरन की सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक प्रयोगशाला बदरी नारायण सेवाग्राम मेरठ से पहुंचे डॉ. गोपाल शास्त्री ने अग्रसेन भवन में आयोजित स्वास्थ्य एवं अध्यात्म प्रयोगशाला में मंगलवार काे महिलाओं व पुरुषों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कहा कि सोच के विपरीत कुछ होने का कारण मूल में भूल है और भूल यह है कि आदमी सत्य से दूर हो गया है। सत्य को जान लो और दुखों से मुक्त हो जाओ। रोग का कारण मल है-अगर कूड़ा नहीं होगा तो कीड़ा नहीं होगा।

आयुर्वेद में आचार्य ने सारे रोगों का कारण मल का कुपित होना बताया है। मल विहीन शरीर में रोग नहीं आ सकते और आवश्यकता से अधिक दुनिया की प्रत्येक वस्तु कूड़ा है। संस्था प्रधान सत्यनारायण शर्मा एडवोकेट ने साधकों को कहा कि दु:ख का कारण सुखों का अभाव है और सुख बांटने से आता है। मनुष्य जो बोता है, वह पाता है। यही प्रकृति का नियम है। दु:ख अपनाने से दुख भाग जाते हैं और सुख बांटने से सुख आते हैं। शिविर में पंजाब, दिल्ली, बिहार, छतीसगढ़, राजस्थान आदि प्रांतों से शिविरार्थी आकर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस अवसर पर सुनील मेहता, गुरुचरण लाल, दयानंद, राकेश जिंदल, पवन गोयल, गंगाधर बंसल, अतुल गुप्ता, रवि कौशिक आदि भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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