हिसार : एचएयू में हुआ मशरूम उत्पादन तकनीक पर व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम 

हिसार, 2 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान की ओर से तीन दिवसीय मशरूम उत्पादन तकनीक पर दो प्रशिक्षण आयोजित किए। पहले प्रशिक्षण में मध्य प्रदेश, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों से प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया जिनमे से कई महिलाएं भी शामिल थी जबकि दूसरे प्रशिक्षण में गुरु गोरख नाथ जी राजकीय महाविद्यालय, हिसार के विज्ञान संकाय के छात्रों ने हिस्सा लिया।

संस्थान के सह-निदेशक डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने सोमवार को बताया कि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के मार्गदर्शन में आयोजित किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम में मशरूम उत्पादन तकनीक के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तृत जानकारी दी गई। मशरूम के उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों को ही इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए मशरूम उत्पादन के लिए इनका इस्तेमाल होना स्वच्छ पर्यावरण के लिए एक अच्छा विकल्प है। प्रशिक्षण के संयोजक डॉ सतीश मेहता ने बताया कि मशरूम उत्पादन को शुरू मे एक व्यवसाय के रूप में छोटे स्तर पर शुरू किया जाना चाहिए। इस प्रशिक्षण में पौध रोग विभाग के सहायक वैज्ञानिक डॉ. जगदीप सिंह ने सफेद बटन खुम्ब की छोटी तथा लंबी विधि से खाद तैयार करने, केसिंग तैयार करने की विधि इत्यादि विषयों पर प्रकाश डाला। सब्जी विभाग के सह वैज्ञानिक डॉ. विकास कंबोज ने वातानुकूलित कक्ष में मशरूम उत्पादन और स्पेंट मशरूम खाद की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। डॉ. राकेश कुमार चुघ ने ढींगरी, मिल्कि और कीड़ा जड़ी/कोर्डीसैप मिलिटेरिस मशरूम को उगाने कि विधि के बारे में बताया तथा डॉ अमोघवर्षा ने शिटाके मशरूम की उत्पादन तकनीक पर व्याख्यान दिया। डॉ. संदीप भाकर ने बताया कि सफेद बटन खुम्ब उगाने पर लगभग 50 रुपये प्रति किलो लागत आती है और बाजार में लगभग 100 रुपये प्रति किलो इसका भाव मिल जाता है। प्रशिक्षणार्थियों का विश्वविद्यालय की मशरूम टेक्नोलोजी प्रयोगशाला का भ्रमण करवाया और व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण जानकारियां देकर उनका कौशल विकास किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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