नई दिल्ली, 2 दिसंबर (हि.स.)। संसद में सोमवार को अडाणी, मणिपुर और संभल में हिंसा मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के दोनों सदनों में विरोध और नारेबाजी के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 3 दिसंबर को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद कई बार स्थगित की गई। उसके बाद दोपहर 12 बजे पुनः शुरू हुई लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही आज दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सभी सदस्यगण निःसंदेह मर्फी के नियम से परिचित होंगे, जिसका आशय है, 'जो कुछ भी गलत हो सकता है, वह गलत होगा। ऐसा प्रतीत होता है कि इस उच्च सदन में मर्फी के नियम को साकार करने के लिए एक जानबूझकर बनाया गया एल्गोरिद्म है, जिससे संसद के सुचारू कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। हम स्वयं वही कर रहे हैं जो हमारे संविधान द्वारा अपेक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि संविधान के निर्माताओं और उन असंख्य देशभक्तों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया, मैं इस सदन से आग्रह करता हूं कि मुझे आज की कार्यसूची में सूचीबद्ध कार्यों को आगे बढ़ाने की अनुमति दें। सदस्यगण, जो हम कर रहे हैं, वह जनता के लिए पूर्ण निरादर का एक तमाशा है। मैं आपसे संविधान के निर्माताओं और देश की जनता के नाम पर अपील करता हूं कि संसद को सुचारू रूप से चलने दें। इसे अकार्यशील न बनाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार