देशी गोबर व डोल जल से, गीतों की स्वर लहरियों के साथ महिलाओं ने मण्डप लीपा और मांगलिक चित्र उकेरे

बीकानेर, 9 दिसंबर (हि.स.)। श्रीगंगानगर रोड़ कानासर फांटा स्थित संत भावनाथ आश्रम गौ शाला में 13 से 20 दिसम्बर तक गौ सेवा एवं सामाजिक- सांस्कृतिक चेतना के लिए होने वाले 21 कुण्डी श्री विष्णु महायज्ञ एवं श्रीमद्भागवत कथा के लिए मण्डप निर्माण कार्य पूर्ण हो अंतिम चरण में है।आयोजन समिति के प्रहलाद ओझा 'भैरुं' ने बताया कि वैदिक पद्धति अनुसार यज्ञ मण्डप में बने स्तम्भों को रंगीन वस्त्र से सजाने व संवारने तथा मण्डप पर ध्वजाएं एवं पताकाएं लगाने का कार्य प्रधान यज्ञाचार्य पुजारी बाबा एवं यज्ञाचार्य प.अशोक ओझा की टीम के देखरेख में किया जा रहा है। 'भैरुं' ने बताया यज्ञ मण्डप निर्माण प्रक्रिया के अंतिम चरण में मण्डप प्रांगण को 21 सुहागिन महिलाओं द्वारा देशी वेद लक्षणा गौ के गोबर में, पीली मिट्टी एवं डोल जल मिलाकर मण्डप प्रांगण को लीपा गया। महिलाओं ने श्री कोलायतजी की मिट्टी से फूल पत्तियां मोर पंख आदि मांडणा बनाएं व बाहर की साइड मांगलिक चित्र उकेरे। यज्ञ मण्डप को लीपते व मांगलिक चित्र फूल पत्तियां आदि बनाते समय इन महिलाओं ने बड़े जोश उत्साह के आनन्द के साथ भगवान कृष्ण, लड्डु गोपाल एवं राधा रानी के पारम्परिक भजन गाए। सामूहिक स्वर लहरियों से आस पास के वातावरण को अनुष्ठान से पूर्व ही आध्यात्मिक व सकारात्मक ऊर्जा से भर आनन्द की अनुभूति करवाई।

मण्डप लीपने में इन महिलाओं ने दी सेवाएं

सरोज देवी, संतु, तुलसा राजपुरोहित, चंपा, सम्पत, कमला, गुलाब बाई, रुखमा, पिस्ता बाई, रामप्यारी, पुष्पा देवी, हवा कंवर राजपूत, पांची देवी, शांति देवी, पुष्पा, द्रोपदी यादव, विमला, धनी देवी, शरीता, मैना एवं अन्नू कुम्भार शामिल रहीं। संत भावनाथ महाराज ने इन महिलाओं के जोश उत्साह उमंग को देखकर स्वयं ताली बजाकर उनके उत्साह आनन्द को बढ़ाया। भावनाथ महाराज ने कहा कि देशी गौवंश का गोबर और बरसात का जल मिलाकर मण्डप लीपने से यज्ञ की सकारात्मक ऊर्जा में कई गुना वृद्धि होती है।

15 बीघा की सफाई, मार्ग दुरस्त करने में जुटे श्रद्धालु

ओझा ने बताया कि श्रीगंगानगर रोड़ स्थित कानासर फांटा से करीब एक किलोमीटर अंदर सोनलिया धोरों के बीच होने वाले यज्ञ व कथा रूपी अनुष्ठान के लिये लगभभग 15 बीघा क्षेत्र में सफाई की जा चुकी है तथा सड़क मार्ग से अनुष्ठान स्थल तक आसानी से वाहन आदि पहुंच सके इसके लिए उस मार्ग को भी दुरस्त किया जा रहा है। इस कार्य के लिये श्रवण राजपुरोहित, करणी सिंह, हिम्मताराम एवं भंवरलाल आदि सूर्योदय से सूर्यास्त तक ट्रेक्टर व फावड़ा आदि अन्य साधनों निरन्तर एवं निःशुल्क श्रम दान कर रहे हैं। यज्ञ कथा स्थल पर गाय, हिरण, नील गाय आदि प्रवेश कर मण्डप आदि को क्षति न पहुंचाए इसके लिये उस क्षेत्र में तार बंदी कर जाली लगाई गई है। शरीता एवं बजरंग राजपुरोहित श्रमदान में लगे श्रद्धालुओं को समय पर भोजन पानी की सेवाएं दे रहे है। आयोजन में शारीरिक श्रमदान करने के इच्छुक कोई भी सनातनी आयोजन समिति से सम्पर्क कर अपने योग्य सेवा दे सकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

   

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