बांकुड़ा के तृणमूल उम्मीदवार पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप, भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत
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- Nov 06, 2024
कोलकाता, 6 नवंबर (हि.स.)। बांकुड़ा जिले की तालडांगर विधानसभा सीट पर आगामी 13 नवंबर को उप-चुनाव होने हैं। इससे पहले, इस सीट से तृणमूल उम्मीदवार फाल्गुनी सिंह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए भाजपा ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। बुधवार को दर्ज कराई गई शिकायत में भाजपा का आरोप है कि मंगलवार को इंदपुर ब्लॉक के झरिया गांव में प्रचार के दौरान फाल्गुनी सिंह ने बच्चों को किताबें और नोटबुक बांटी, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है। हालांकि, फाल्गुनी सिंह ने इन आरोपों को खारिज किया और दावा किया कि उन्होंने किसी तरह का उल्लंघन नहीं किया है।
तालडांगर में चुनावी माहौल को देखते हुए बांकुड़ा में चुनाव आचार संहिता लागू है। कुछ दिन पहले आए चक्रवाती तूफान 'दाना' से प्रभावित परिवारों की सूची तैयार करने के निर्देश को लेकर भी इंदपुर बीडीओ और शासक दल पर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था। इस संबंध में भाजपा ने बीडीओ को निलंबित करने की मांग करते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था। इस मामले का विवाद थमा ही नहीं था कि अब तृणमूल उम्मीदवार फाल्गुनी सिंह पर भी आरोप लगा है।
भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने बुधवार को सोशल मीडिया पर फाल्गुनी की कुछ तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, तालडांगर उप-चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार बच्चों को किताबें बांटकर आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं। क्या वे राज्य सरकार की विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं?
भाजपा का आरोप है कि तृणमूल उम्मीदवार ने बच्चों के हाथों में किताबें और नोटबुक सौंपकर न केवल चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया, बल्कि राज्य के शिक्षा व्यवस्था की वास्तविकता को भी उजागर किया है। सुभाष सरकार ने कहा कि यदि राज्य सरकार द्वारा छात्रों को पर्याप्त किताबें और सामग्री प्रदान की जाती, तो आज एक उम्मीदवार को चुनाव के दौरान इस प्रकार सामग्री वितरित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उनका मानना है कि तृणमूल द्वारा बच्चों को किताबें और नोटबुक बांटकर उनके परिवारों को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं, तृणमूल उम्मीदवार फाल्गुनी सिंह और पार्टी ने इन आरोपों को नकार दिया है। फाल्गुनी सिंह ने कहा, मैं जहां-जहां प्रचार में जा रहा हूं, क्या सुभाष सरकार मेरे साथ वहां मौजूद हैं? यदि वह नहीं हैं, तो उन्हें कैसे पता चला कि मैंने किताबें और नोटबुक बांटी हैं या नहीं?
फाल्गुनी ने यह भी स्पष्ट किया कि झरिया गांव में उन्होंने केवल प्रचार सामग्री बांटी है, किताबें नहीं। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग उन्हें इस संबंध में कोई पत्र भेजेगा, तो वह उसका जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर