राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 : केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए कॉन्क्लेव का आयोजन
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- Oct 01, 2024
जयपुर, 1 अक्टूबर (हि.स.)। नई दिल्ली में निवेशकों की बैठक के बाद राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के संग मंगलवार काे एक कॉन्क्लेव का आयोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें राज्य में मौजूद व्यवसाय व निवेश के बारे में बताया और उन्हें प्रदेश में कारोबार बढ़ाने और नए निवेश करने का न्योता भी दिया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले राजस्थान सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने इस अवसर पर 50 से अधिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारियों को राज्य के व्यापारिक परिदृश्य, निवेश के नए अवसरों और राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित किए जा रहे प्रमुख व्यापार-अनुकूल बदलावों की जानकारी दी।
इस सीपीएसई कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर), एनटीपीसी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, आईआरईडीए, पीजीसीआईएल, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आईटीडीसी), फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई), न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल), राष्ट्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संस्थान (एनआई-एमएसएमई), आईआरसीटीसी, एग्रीकल्चर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई), ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट काउंसिल, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), एफआईसीएसआई (खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए सेक्टर स्किल काउंसिल), मैनेजमेंट एंड आंत्रप्रिन्योरशिप एंड प्रोफेशनल स्किल्स काउंसिल (एमईपीएससी) वगैरह शामिल हैं।
राजस्थान सरकार को आगामी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के लिए शुभकामना देते हुए हिंदुस्तान पेट्रोलियम के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर रजनीश नारंग ने कहा कि उनकी कंपनी राज्य द्वारा व्यापार जगत के लिए उठाए जा कदमों के लाभार्थियों में से एक है और एचपीसीएल द्वारा विकसित की जा रही बाड़मेर रिफाइनरी इसका एक उदाहरण है। “राज्य सरकार ने हमें हर स्तर पर महत्वपूर्ण और त्वरित समर्थन दिया है। रिफाइनरी की न केवल वर्तमान जरूरतों के लिए, बल्कि भविष्य के इसके संभावित विस्तार के लिए भी भूमि का आवंटन सरकार द्वारा शीघ्रता से किया गया,” नारंग ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मनोज जैन ने डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्र में राज्य में उभरते अवसरों के बारे में बात करते हुए कहा कि, “देश के डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में राजस्थान एक बड़े औद्योगिक राज्य के रूप में उभर रहा है। हमारी कंपनी की राजस्थान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सॉफ्टवेयर विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस विकसित करने की योजना है। यह केंद्र रक्षा से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स तक राजस्थान में स्थित विभिन्न उद्योगों की जरूरतों के अनुकूल होगा”
कॉनकॉर के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर संजय स्वरूप ने एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) जैसे परिवहन के टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल साधनों के विस्तार की आवश्यकता के बारे में बताया और लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने में राजस्थान सरकार द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की। श्री स्वरूप ने कहा कि, “एलएनजी संबद्ध बुनियादी ढांचे की अनुपलब्धता के कारण देश के उत्तरी भागों में एलएनजी की गतिशीलता गंभीर रूप से बाधित है। राजस्थान में एलएनजी परियोजना के आने से इस चुनौती का प्रभावी ढंग से समाधान हो सकेगा।”
सीपीएसई कॉन्क्लेव में भाग लेने के लिए के सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों के अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे फिस्कल इन्सेंटिव्स और कारोबार को आसान बनाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि, “राजस्थान में अक्षय ऊर्जा, डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग, पेट्रोकेमिकल्स और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। हमारे पास जमीन की कमी नहीं है, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अपार क्षमता है, प्रचुर खनिज भंडार हैं और कुशल कार्यबल है। इनके जरिए हम राज्य और सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों - दोनों के लिए साझा समृद्धि सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ मिलकर हम सब ‘विकसित भारत’ और ‘विकसित राजस्थान’ के लक्ष्य को साकार कर सकते हैं।”
सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा, “इस कॉन्क्लेव में भाग लेने वाले सेंट्रल पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज राजस्थान की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों में दोगुना करके 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने के राज्य सरकार के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान के मेहनती और प्रतिभाशाली युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना है और इन प्रयासों को सफल बनाने के लिए हम आपकी ओर बहुत उम्मीद से देख रहे हैं।”
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, “राष्ट्र के विकास में सार्वजनिक क्षेत्र के केंद्रीय उपक्रमों द्वारा निभाई गई भूमिका उल्लेखनीय है। राज्य में काम कर रहे सीपीएसईज का आभार मैं राज्य सरकार की ओर से व्यक्त करता हूं क्योंकि राज्य की समृद्धि और विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है। ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 निजी क्षेत्र और सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) से निवेश आकर्षित करने पर समान रूप से जोर देता है।”
इस अवसर पर एक प्रेजेंटेशन देते हुए उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने कहा कि दिल्ली से नजदीक होने की वजह से राजस्थान एक स्ट्रैटेजिक लोकेशन है और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं है जिसका फायदा राज्य में निवेश करके केंद्रीय पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज उठा सकती हैं।
सीपीएसईज़ कॉन्क्लेव के बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाला यह प्रतिनिधिमंडल आज शाम में विभिन्न देशों के राजदूतों/राजनयिकों के संग एक राउंड टेबल बैठक में भाग लेगा और राज्य में निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए उनके सहयोग और समर्थन का अनुरोध करेगा। इस राउंडटेबल में फिलीपींस, डेनमार्क, सिंगापुर, मेक्सिको, ओमान, मोरक्को, केन्या, इटली, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, तुर्की, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड, ब्राज़ील, कतर, दक्षिण अफ्रीका जैसे कई देशों के राजदूतों/राजनयिकों के शामिल होने की उम्मीद है।
इससे पहले, दिल्ली में कल आयोजित हुए इन्वेस्टर रोड शो में राजस्थान सरकार ने विभिन्न कंपनियों के संग 8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश संबंधित एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इन एमओयू के साथ ही, ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट 2024 के तहत प्रदेश में निवेश के लिए किए गए एमओयू का कुल मूल्य 12.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है। यह 2047 तक राज्य को ‘विकसित राजस्थान’ में बदलने के राजस्थान सरकार के प्रयासों में निवेशक और व्यापार समुदाय के दृढ़ विश्वास को दर्शाता है। साेमवार काे साइन किए गए एमओयू में कई निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों शामिल थीं, जिनमें इंडियन ऑयल, एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, एनएचपीसी, टीएचडीसी इंडिया, ऑयल इंडिया, इंद्रप्रस्थ गैस जैसी कई प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र की कई केंद्रीय उपक्रम (सीपीएसई) शामिल हैं। इस दौरान अक्षय ऊर्जा, पावर ट्रांसमिशन, तेल और गैस, सीएनजी, लॉजिस्टिक्स, एग्रोटेक जैसे कई क्षेत्रों में निवेश के लिए एमओयू किया गया।
इस इन्वेस्टर रोड शो के बाद मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने कई कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात कीं और उनसे प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को तलाशने की अपील की। मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात करने वाली कंपनियों में माइक्रोसॉफ्ट, टाटा पावर, डीसीएम श्रीराम, अवाडा ग्रुप, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, टीटागढ़ रेल सिस्टम, डालमिया सीमेंट्स भारत, श्री सीमेंट, सैमटेल एवियोनिक्स, जैक्सन ग्रुप जैसी कई बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश