लखनऊ में 87.50 करोड़ की लागत से बनेगी अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब 

लखनऊ, 6 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने लखनऊ में अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब के निर्माण को गति देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस आधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब का निर्माण बेसमेंट समेत 7 मंजिला परिसर (बी+एस+5) के रूप में होगा। 87.50 करोड़ की लागत से 20,572.80 स्क्वेयर मीटर बिल्ड अप एरिया में इसका निर्माण व विकास कार्य किया जाएगा। इस कार्य को पूरा करने का जिम्मा नियोजन विभाग के ईपीसी सेल को सौंपा गया है तथा डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट, आर्किटेक्चरल डिजाइन समेत विभिन्न रिपोर्ट्स की निर्धारण प्रक्रिया शुरू हो गई है। उल्लेखनीय है कि यूपी स्टेट फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट द्वारा उपलब्ध कराए गई जमीन पर यह निर्माण प्रस्तावित है तथा रानीपुर रोड के जरिए लखनऊ-कानपुर हाइवे से इसे कनेक्ट किया जाएगा।

भविष्य की जरूरतों के अनुसार होगा फॉरेंसिक लैब का निर्माण

सीएम योगी के विजन अनुसार, भविष्य की जरूरतों के अनुसार इस फॉरेंसिक लैब का निर्माण किया जाएगा। चिह्नित क्षेत्र में निर्मित होने वाले परिसर चारबाग स्टेशन से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह सोलर पीवी इनेबल्ड होगा तथा अंडरग्राउंड टैंक, इंसीनरेटर, कंपोज्ड प्लांट, अकॉस्टिक वॉल पैनलिंग, गैस बेस्ड फायर फाइटिंग सिस्टम, डीजी सेट, इलेक्ट्रिक सब स्टेशन तथा हॉर्टिकल्चर समेत सुंदरीकरण के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जाएगा। विभिन्न कैपेसिटी की लिफ्ट, एचवीएसी वातानुकूलन, वीआरवी व वीआरएफ सिस्टम, आईपी बेस्ड ईपीबैक्स सिस्टम, आईपी बेस्ड सीसीटीवी सिस्टम तथा ऑडियो वीजुअल सिस्टम से भी परिसर को युक्त किया जाएगा। यहां फॉरेंसिक लैब के निर्माण के साथ आपराधिक जांच समेत विभिन्न अन्वेषण प्रक्रियों में मदद मिलेगी।

18 महीने में निर्माण कार्य होगा पूरा

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार फॉरेंसिक लैब के निर्माण व विकास के लिए नियोजन विभाग के ईपीसी सेल ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना का निर्माण किया गया है। 18 महीने में सभी निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने की समयावधि तय की गई है। वहीं, निर्माण प्रक्रिया को पूरा करने के पूर्व एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी जो मास्टर प्लान की तरह कार्य करेगा। मास्टर प्लान में आर्किटेक्चरल डिजाइन, टोपोग्राफी, साइट सर्वे, सब सॉयल सर्वे समेत विभिन्न रिपोर्ट्स का संकलन व निर्धारण होगा जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और 90 दिनों की अवधि में इस कार्य को पूरा करने पर फोकस किया जा रहा है। देश के प्रतिष्ठित संस्थान जैसे कि आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी रुड़की, आईआईटी बीएचयू तथा एनआईटी प्रयागराज जैसी संस्थाओं की रायशुमारी और अनुशंसा को भी फॉरेंसिक लैब के निर्माण में इस्तेमाल में लाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

   

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