चूरु, 2 नवंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व मंत्री की बदमाशों ने डंडों और सरियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी। मृतक के साथी ने बीच-बचाव किया तो उसकी भी पिटाई कर दी। इसके बाद बदमाश थार गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। घटना शुक्रवार रात करीब 12 बजे की है। पुलिस की शुरुआती जांच में गाड़ी किराए को लेकर रंजिश की बात सामने आ रही है।
सदर थानाधिकारी बलवंत सिंह ने बताया कि मृतक के चाचा प्रेमचंद प्रजापत ने शनिवार को छह लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि शुक्रवार रात वह और उसका भतीजा नरेंद्र प्रजापत (28), सत्येंद्र उर्फ पीपी, चंद्रभान शर्मा, विकास जांगिड़, अर्जुन सिंह और अमजद डाबला में अर्जुन सिंह की दुकान पर पार्टी कर रहे थे। इसी दौरान भतीजे नरेंद्र ने बताया कि बूंटिया निवासी अमित उर्फ मितला और बास ढाकान निवासी शुभम ढाका ने 7-8 दिन पहले गाड़ी किराए को लेकर मारपीट की थी और अब भी उसको जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं।
प्रेमचंद प्रजापत ने बताया कि पार्टी खत्म होने के बाद रात करीब 12 बजे हम चूरू की तरफ रवाना हो गए। नरेंद्र और अमजद एक बाइक पर आगे चल रहे थे। उसका चाचा प्रेमचंद्र, सत्येंद्र उर्फ पीपी और चंद्रभान शर्मा कार में पीछे-पीछे आ रहे थे। तभी, डाबला गांव के पास काले रंग की थार गाड़ी आई और नरेंद्र की बाइक की गाड़ी के आगे लगाकर रोक लिया। थार गाड़ी में से अमित उर्फ मितला, शुभम ढाका और चार अन्य लोग हाथ में डंडा और सरिया लेकर उतरे और नरेंद्र पर हमला कर दिया। अमित उर्फ मितला और शुभम ने नरेंद्र को पकड़ लिया। अमित ने नरेंद्र के सिर पर आगे से वार किया, जिससे वह नीचे गिर गया। शुभम ने डंडे से उसके सिर पर पीछे से वार किया। जब अमजद ने बीच बचाव किया तो उससे भी मारपीट की गई। जब वे तीनों नीचे उतर कर आए तब आरोपित अमित, शुभम और उसके साथी थार गाड़ी में बैठकर भाग गए। नरेंद्र प्रजापत को डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड लाया गया, जहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया।
एबीवीपी का नगर मंत्री रह चुका है नरेंद्र
गाड़ी के किराए की बात को लेकर रंजिश के कारण मारा गया नरेंद्र प्रजापत एबीवीपी का सक्रिय कार्यकर्ता रह चुका है। वह वर्ष 2015 में एबीवीपी का नगर मंत्री रह चुका है। पुलिस ने वारदात के समय काम में ली गई थार कार को शनिवार सुबह जब्त कर लिया। इसके अलावा पुलिस ने इस मामले में 10-12 लोगों को डिटेन किया है। वारदात के बाद शुक्रवार देर रात डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भीड़ जमा हो गई थी। इसके बाद मौके पर पुलिस बल पहुंचा मामला शांत करवाया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव