जनहित के मुद्दों पर सरकार ने नहीं होने दी विधानसभा सत्र में चर्चा: विजेंद्र गुप्ता

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को संपन्न हुए सातवें विधानसभा के अंतिम सत्र में विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा विपक्षी विधायकों को जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी गई। चर्चा की मांग करने वाले भाजपा विधायकों को मार्शलों द्वारा सदन से बाहर कर दिया गया।

दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा सत्र में विपक्ष केजरीवाल के शीश महल पर खर्च किए गए करोड़ों रुपये पर सरकार का जवाब जानना चाहता था लेकिन इसकी मांग करने पर नेता प्रतिपक्ष का माइक ही बंद कर दिया गया। इसी तरह कैग की 14 रिपोर्ट्स को सदन में प्रस्तुत करने, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की स्थिति और दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी को स्कूल इमारत के चार कमरों में चलाने जैसे मुद्दों को लेकर विपक्ष सदन में चर्चा करवा कर दिल्ली सरकार से जवाब मांगना चाहता था लेकिन सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा हल्ला मचाकर सत्र को स्थगित करवा दिया गया। संवाददाता सम्मेलन में भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, अभय वर्मा और प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता यासिर जिलानी भी उपस्थित थे।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आआपा की सरकार अब जनता के साथ-साथ हाई कोर्ट को भी गुमराह करने में लगी हुई है। उन्होंने भाजपा विधायकों द्वारा कैग की रिपोर्ट्स के संबंध में हाई कोर्ट में दायर की गई याचिका का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में स्पष्ट किया था कि विधानसभा का चल रहा वर्तमान सत्र अंतिम सत्र नहीं है, जबकि यह सफेद झूठ साबित हुआ और एक दिन के बाद ही हाई कोर्ट में अपना बयान देने वाली इस सरकार ने दो दिन में ही सत्र को समाप्त कर दिया।

सदन में दिल्ली की कानून व्यवस्था पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने अरविंद केजरीवाल के निवास में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट का मुद्दा उठाया तो सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से हल्ला मचाकर सत्र को स्थगित करवा दिया गया।

गुप्ता ने आम आदमी पार्टी की सरकार की तथाकथित ‘झूठी शिक्षा क्रांति’ पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार बिना किसी ठोस योजना के प्रोजेक्ट बना लेती है और उन्हें पूरा किए बिना बीच में ही छोड़ देती है। उन्होंने कहा कि इसका ताजा नमूना दिल्ली सरकार की ‘दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी’ है जो कि टीचर्स को ट्रेनिंग देने के मकसद से बनाई गई थी लेकिन स्कूल की इमारत के चार कमरों में चल रही इस यूनिवर्सिटी में डेढ़ साल तक किसी ने दाखिला नहीं लिया। आज इसमें मात्र 64 छात्र ही पढ़ रहे हैं और वह भी टीचर ट्रेनिंग कोर्स में नहीं, बल्कि बीए और एमए जैसे साधारण पाठ्यक्रमों में।

सरकार की तथाकथित ‘शिक्षा क्रांति’ की पोल खोलते हुए गुप्ता ने कहा कि सरकार ने भाजपा के शासनकाल में खोले गए 29 प्रतिभा विकास विद्यालयों को बंद कर दिया, जिससे प्रतिभावान छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन वाली सरकार दिल्ली का विकास सुनिश्चित करेगी और उनकी आशाओं पर खरा उतरेगी।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

   

सम्बंधित खबर