समाज और देश के विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है: डीडीसी
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- Dec 09, 2024
लोहरदगा, 9 दिसंबर (हि.स.)।
महिला और बाल विकास विभाग के पोषण 2.0 के तहत पोषण भी, पढ़ाई भी कार्यक्रम के तहत सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला में सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी और महिला पर्यवेक्षिका शामिल हुए। आईपीईएल की विशेषज्ञ टीम के जरिये जिला परिषद कार्यालय में कार्यशाला आयोजित की गयी।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उप-विकास आयुक्त दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने कहा कि समाज और देश के विकास में आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आंगनवाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा की आधारशिला रखी जाती है। गर्भवती महिला के नियमित जांच एवं पोषण, पोषाहार के जरिये स्वस्थ शिशु का ध्यान रखा जाता है। जन्म के बाद बच्चों को पोषाहार, कुपोषण की जांच, पोषणयुक्त आहार के जरिये स्वस्थ्य शिशु की पौध तैयार की जाती है। इसके साथ-साथ विद्यालय जाने से पहले आंगनवाड़ी केंद्र में ही बच्चों को प्रारंभिक साक्षरता का पाठ पढ़ाया जाता जाता है।
उन्होंने कहा कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनवाड़ी सेविका-सहायिका का कार्य देश के भविष्य को गढ़ने में बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को स्थानीय भाषा में पढ़ाया जाना चाहिए। इसी प्रकार पीवीटीजी जैसे जनजातीय क्षेत्रों में भी उनकी संस्कृति और उनके तौर-तरीकों के साथ समन्वय बनाते हुए पढ़ाया जाना चाहिए।मौके पर बडी संख्या में लोग मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोपी कृष्ण कुँवर