हवाई अड्डों पर सिखों को कृपाण पहनने की पाबंदी तुरंत हटाई जाए: स्पीकर संधवां

अमृतधारी सिख कर्मचारियों की धार्मिक भावनाओं के संबंध में प्रधानमंत्री तुरंत हस्तक्षेप करें

चंडीगढ़, 11 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार के हवाई अड्डों पर काम करने वाले अमृतधारी सिख कर्मचारियों पर कृपाण पहनने की पाबंदी की कड़ी निंदा हाे रही है। पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले को हल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है।

साेमवार काे एक बयान जारी संधवां ने कहा कि केंद्र सरकार का अमृतधारी सिखों की धार्मिक (चिन्ह) निशानियों के पहनने पर लगाई पाबंदी एक गलत निर्णय है, जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय नागरिक उड्डयन विभाग भी इस सिख-विरोधी निर्णय को वापस लेने के लिए आवश्यक कदम उठाए। स्पीकर ने कहा कि सिख हमेशा मेहनत में विश्वास करते हैं और अपने धार्मिक आस्थाओं में भी दृढ़ संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न धर्मों, नस्लों और जातियों का संगम है। उन्होंने कहा कि जिस देश का संविधान प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता देता है, उस देश में प्रत्येक नागरिक को धार्मिक प्रतीक या निशानी पहनने पर पाबंदी लगाना बिल्कुल भी उचित नहीं है। संधवां ने कहा कि सिखों ने देश की आजादी के संघर्ष में बेमिसाल बहादुरी दिखाई है और देश तथा मान-सम्मान के लिए अपनी जानें कुर्बान की हैं। उन्होंने कहा कि उसी देश की वर्तमान सत्ताधारी सरकार सिखों की धार्मिक निशानियों के पहनने पर पाबंदी लगा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय सिखों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप हैं, जिससे केंद्र सरकार को बचना चाहिए। स्पीकर स.संधवां ने केंद्र सरकार से मांग की कि इस निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और हवाई अड्डों पर काम करने वाले अमृतधारी सिखों को विरासती धार्मिक प्रतीक कृपाण पहनने की आजादी दी जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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