(अपडेट) गुलामी की मानसिकता को समाप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य की ओर बढ़ रहा देश : राष्ट्रपति

’आदि गौरव सम्मान’ समारोह में मौजूद अतिथि।

मानगढ़ धाम में आयोजित ’आदि गौरव सम्मान’ समारोह को राष्ट्रपति ने किया सम्बोधित

प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है मानगढ़ धाम: मुख्यमंत्री

जयपुर/बांसवाड़ा, 4 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि हमारे देश में गुलामी की मानसिकता को समाप्त करने का राष्ट्रीय लक्ष्य तय किया गया है। जनजातीय समाज के लोग गुलामी की मानसिकता से हमेशा मुक्त रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जनजातीय गौरव के बारे में देशभर में एक नई चेतना का संचार हुआ है।

राष्ट्रपति मुर्मु शुक्रवार को बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में आयोजित ’आदि गौरव सम्मान’ समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ धाम में अंग्रेजों ने भील समुदाय के 1500 से अधिक बहादुरों की निर्मम हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली बलिदान की शौर्य गाथाओं के बारे में पूरे देश के लोगों को, विशेषकर युवाओं को जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर मानगढ़ आंदोलन से जुड़े भील समुदाय के गीत... भूरेटिया, नई मानूं रे नई मानूं... का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने ’आदि गौरव सम्मान’ प्राप्त करने वाले सभी व्यक्तियों को बधाई देते हुए इस बात पर खुशी जताई कि महिलाओं की संख्या सम्मान प्राप्त करने वालों में अधिक रही। उन्होंने कहा कि महिलाओं का विकास किसी भी समाज के विकास का आईना है। इसलिए यह आदिवासी समाज राजस्थान और पूरे देश के लिए गर्व की बात है। यह सम्मान समारोह आदिवासी समाज की बहुमुखी क्षमता और उनके विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए अमूल्य योगदान का प्रमाण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि राजस्थान के जनजातीय समाज के बेटे और बेटियां खेलकूद की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का गौरव बढ़ा रहे हैं, यह बेहद खुशी की बात है। उन्होंने देश की लैक्रोस टीम की कप्तान चुनी गई राजस्थान की आदिवासी बेटी सुनीता मीना सहित राजस्थान के सभी खिलाड़ियों की प्रशंसा की और उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को सराहा। राष्ट्रपति ने हाल ही में शुरू किए गए धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य जनजातीय समुदाय के पांच करोड़ से अधिक लोगों को लाभान्वित करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह अभियान आदिवासी समाज के गौरव को बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा। उन्होंने जनजातीय समुदायों, किसानों और महिलाओं सहित वंचित वर्गों के कल्याण और विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में सक्रियता के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को साधुवाद भी दिया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने यह जानकर खुशी व्यक्त की कि बड़ी संख्या में जनजातीय छात्र-छात्राएं ’एकलव्य मॉडल रेजीडेंशियल स्कूल’, आदर्श विद्यालय, आश्रम छात्रावासों और स्पोर्ट्स हॉस्टल जैसी शैक्षिक पहलों से लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान करें और उनका उत्साह बढ़ाएं। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन की याद साझा करते हुए कहा कि यदि छात्रावास की सुविधा नहीं मिली होती तो शायद आगे की पढ़ाई मुश्किल से हुई होती या उसमें रुकावट भी आ सकती थी। आज मैं आपके सामने खड़ी हूं तो केवल शिक्षा के बल पर।“

कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने कहा कि आदिवासी समुदाय का शुरू से ही भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ाव रहा है। इस समुदाय में प्रकृति को सहेजने की परंपरा रही है। हमें आदिवासियों की इसी परंपरा से प्रेरणा लेकर प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। बागडे ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय समुदाय में जनजातियों की महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हुए पहली बार अलग से जनजातीय कल्याण मंत्रालय की स्थापना की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी जनजातियों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित हैं।

राज्यपाल ने कहा कि आज ‘आदि गौरव सम्मान समारोह’ में खेल, शिक्षा, तकनीकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए व्यक्तियों एवं संस्थाओं का सम्मान किया गया है। जो कि राज्य सरकार का सराहनीय कदम है।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि आदिवासी समुदाय का तीर्थस्थल मानगढ़ धाम पूरे भारत में एक ऐतिहासिक धरोहर है। यहां गोविंद गुरू जी के नेतृत्व में आदिवासी समुदाय ने अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़कर साहस और बलिदान की अनुपम मिसाल पेश की। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति को समृद्ध बनाने में आदिवासियों का विशेष योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मानगढ़ धाम को एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार आदि गौरव सम्मान दिये जाने का निर्णय लिया था। जिसके तहत आज जनजाति क्षेत्र के विकास में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों तथा संस्थाओं को सम्मानित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धूणी क्षेत्र के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, मानगढ़ धाम में पुलिस चौकी खोलने की भी घोषणा की।

कार्यक्रम में जनजातीय क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों एवं संस्थाओं को आदि रत्न गौरव सम्मान, आदि सेवा गौरव सम्मान तथा आदि ग्रामोत्थान गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने महिला स्वयं सहायता समूह की राजीविका सखियों को 158 करोड़ रुपये का चेक वितरित किया। इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा संचालित फार्म पौण्ड, पाइपलाइन, कृषि यंत्र, तारबंदी की अनुदान राशि एवं कृषि संकाय में अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन राशि का डीबीटी हस्तान्तरण किया। इसके अन्तर्गत लगभग 20 हजार 221 लाभार्थियों को 63 करोड़ रुपये की राशि हस्तान्तरित की गई। इससे पहले राष्ट्रपति ने जनजातीय समुदायों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने मानगढ़ धाम स्थित स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राजस्व मंत्री हेमन्त मीणा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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