महत्वपूर्ण संसदीय सम्मेलन की मेजबानी करेगा उत्तर प्रदेश : सतीश महाना

लखनऊ, 10 मार्च (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने बताया कि आगामी पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन उत्तर प्रदेश में आयोजित करने हेतु विधानसभा की ओर से अनुरोध किया गया है। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का यह सम्मेलन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें देशभर की विभिन्न विधायिकाओं के अध्यक्ष, सभापति एवं सचिव भाग लेते हैं। उत्तर प्रदेश में इस सम्मेलन के आयोजन हेतु मुख्यमंत्री से विमर्श किया गया है। शीघ्र ही लोकसभा द्वारा इसकी तिथि निर्धारित की जाएगी।

उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना सोमवार को यहां विधानभवन के प्रेक्षागृह में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में विधायकों के समूह बनाकर संवाद कार्यक्रमों का आयोजन किया जा चुका है। अब आगामी समय में एक विशेष ‘संवाद कार्यक्रम’ आयोजित किया जाएगा। उसमें विधायक यह साझा करेंगे कि उन्होंने बीते वर्षों में अपनी विधानसभा के विकास के लिए क्या-क्या कार्य किए और किस प्रकार उनकी सकारात्मक छवि निर्मित हुई। इससे विधायकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के युवा विधायकों का एक सम्मेलन भी लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन (सीपीए) इंडिया रीजन के तत्वावधान में संपन्न होगा। इससे पूर्व कानपुर में उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड की महिला विधायकों का सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया जा चुका है। सीपीए इंडिया रीजन के ज़ोन-1 में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को सम्मिलित किया गया है।

सफलतापूर्वक संपन्न हुआ बजट सत्र

सतीश महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा का हाल ही में संपन्न हुआ बजट सत्र अत्यंत सफल रहा। यह सत्र लंबी अवधि तक चला और इसमें न्यूनतम व्यवधान हुए। इस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण एवं बजट पर कुल 298 विधायकों ने अपने विचार व्यक्त किए। सत्ता पक्ष एवं विपक्ष, दोनों का योगदान सराहनीय रहा। बीते तीन वर्षों में केवल दो अवसरों पर ही सदन स्थगित किया गया। सदन में जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई, जिससे यह प्रमाणित होता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा, पूरे देश के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रही है।

पर्यावरण एवं युवा विषयक संसदीय समिति के गठन का प्रस्तावउत्तर प्रदेश विधानसभा में संसदीय समितियों को अधिक सशक्त बनाने की प्रक्रिया जारी है। इसके अंतर्गत युवा और पर्यावरण से संबंधित विषयों पर चर्चा हेतु एक विशेष संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। शासन से विमर्श के उपरांत शीघ्र ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यावरण संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, इसलिए इस विषय पर विशेष समिति के गठन का प्रस्ताव रखा गया है।उन्होंने बताया कि विधानसभा एक विशेष हैंडबुक प्रकाशित करने की योजना बना रही है, जिसमें विधायिका की संपूर्ण जानकारी होगी। इसका उद्देश्य आम जनता को विधायिका की कार्यप्रणाली एवं महत्व से अवगत कराना है, ताकि लोकतंत्र की नींव और अधिक सशक्त हो सके।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

   

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