मनमोहन सिंह के निधन से आर्थिक सुधारों के एक युग का अंत हो गयाः शिवराज सिंह 

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि अर्थशास्त्र के विद्वान, आर्थिक सुधारों के महानायक मनमोहन जी मौन हो गए, उनके जाने से आर्थिक सुधारों के एक युग का अंत हो गया। उनके आर्थिक सुधारों ने देश के विकास को नई दिशा और गति दी थी।

उन्होंने श्रद्धांजलि देते हुए भगवान से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने और उनके परिजनों एवं संपूर्ण देश को यह दुख सहन करने की क्षमता देने की प्रार्थना की।

शिवराज सिंह ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह जब प्रधानमंत्री थे, तो उन्हें मुख्यमंत्री के नाते उनके सान्निध्य में रहने का सौभाग्य मिला था। एक बार मध्य प्रदेश में पाले, शीतलहर के कारण फसलों का व्यापक नुकसान हो गया था। जब केंद्र सरकार से किसानों की सहायता करने का आग्रह किया गया तब उधर से कह दिया गया कि पाला तो प्राकृतिक आपदा में आता ही नहीं है, इसलिए कोई राहत की राशि नहीं मिलेगी।

उस समय

मन बेचैन हो गया और किसानों के साथ बैठ गया था। तब मनमोहन जी का फोन आया कि कभी आपकी हुकूमत भी आ सकती है। उन्होंने दिल्ली बुलाया और बात करते हुए किसानों की समस्या का हल निकाला। उन्होंने बताया कि मनमोहन जी ने एक कमेटी बनाई जिसमें पाला प्राकृतिक आपदा है या नहीं यह तय किया जाना था। इसके लिए कमेटी में प्रणब मुखर्जी, शरद पवार और पी. चिदंबरम के साथ उन्होंने मुझे भी रखा और बाद में उस कमेटी ने साइंटिफिक आकलन करके यह कहा कि पाला भी प्राकृतिक आपदा है। उसके बाद किसानों के लिए मध्य प्रदेश को 400 करोड रुपये की आर्थिक सहायता मनमोहन सरकार ने दी थी। उन्होंने कहा कि डॉ. सिंह जायज़ बात को सुनते थे और समस्या होती थी तो उसका समाधान करते थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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