एसकेएम की मांग, प्रधानमंत्री करें किसानों के मुद्दे पर बैठक



- पातड़ा में सोमवार को होगी किसान संगठनों की साझा बैठक

चंडीगढ़, 12 जनवरी (हि.स.)। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि किसान परेड के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग की जाएगी कि वे सभी संघर्षरत किसान संगठनों के साथ तुरंत चर्चा करें और जगजीत सिंह डल्लेवाल की जान बचाएं।

मोर्चा की तरफ से रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार एसकेएम ने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय रूपरेखा (एनपीएफएएम) को तुरंत वापस लेने, सी2+50 प्रतिशत की दर से गारंटीकृत खरीद के साथ एमएसपी का कानून बनाने, किसानों और खेत मजदूरों की कर्ज माफी के लिए व्यापक योजना बनाने, बिजली का निजीकरण बंद करने, स्मार्ट मीटर योजना बंद करने, किसानों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की मांग की है।

एसकेएम की सभी राज्य समन्वय समितियां (एससीसी) तुरंत बैठक करेंगी और कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रुपरेखा की प्रतियां जलाकर विरोध करने का आह्वान करेंगी। इस कार्यक्रम की तारीखें राज्य कार्यकारिणी द्वारा घोषित की जाएंगी।

एसकेएम ने किसान संगठनों के साथ चर्चा और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के जीवन की रक्षा न करने के लिए प्रधानमंत्री के सत्तावादी, असंवेदनशील रवैये की कड़ी निंदा की। उनके आमरण अनशन का 48वां दिन हाेने के बावजूद उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रपति किसान नेताओं की जान बचाने के लिए हस्तक्षेप करने में समर्थ नहीं हैं।

कॉरपोरेट समर्थक कानूनों की एक श्रृंखला के माध्यम से कॉरपोरेट हमले के कारण किसानाें की आजीविका दांव पर है, जिसमें कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रुपरेखा नवीनतम हमला है, जो भारत के संघीय ढांचे को चुनौती देता है और भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों में से एक है। एसकेएम (एनपी) और किसान मजदूर माेर्चा (केएमएम) के साथ समन्वय बैठक संबंधित मोर्चों के अनुरोध पर खनौरी के नजदीकी शहर पातड़ा में 13 जनवरी को पुनर्निर्धारित की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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