दादा लख्मीचन्द रचित सांग पदमावत पर जमकर बजी तालियां

झज्जर, 6 नवंबर (हि.स.)। कवि सूर्य पंडित लख्मीचन्द धर्मशाला समिति की ओर से करवाए जा रहे हरियाणवी सांग समारोह ल के तीसरे दिन प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णुदत्त ने पदमावत सांग का मंचन किया। सांग की शानदार प्रस्तुति में दशकों से जमकर तालियां बटोरी। बुधवार के सांग समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी पानीपत सुभाष भारद्वाज ने शिरकत की। उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सुभाष ने कहा कि प्राचीन संस्कृति को संजोकर रखने में कलाकारों का अहम योगदान है। प्रधान प्रवीण शर्मा और मास्टर रमेश दीक्षित ने धर्मशाला के लिए एसी भेंट करने की घोषणा की।

सांग के माध्यम से प्रसिद्ध सांगी पंडित विष्णु दत्त ने बताया कि रणबीर राजा का लड़का अपने दोस्त के साथ शिकार खेलने वन में जाता है और दोनों दोस्त एक दूसरे से बिछड़ जाते हैं। राजकुमारी पदमावत अपनी सखियों के साथ वहां घूमने आई थी। रणबीर उनको देखकर हैरान रह जाता है कि इतने बड़े वन में महिलाओं का क्या काम। रणबीर और राजकुमारी पदमावत की ऑंखें मिलती हैं और एक दूसरे पर मोहित हो जातें हैं। राजकुमारी वहां से वापिस महल जाती है, लेकिन रणबीर को मिलने के लिए बेताब रहती है। यह सांग मनुष्य की काया पर रचा गया है और मन, शरीर व काया का इस सांग की कहानी में पूरा विवरण दिया गया है। इस अवसर पर लोवा माजरा के सरपंच मास्टर जयभगवान, पूर्व संरपच वीरेन्द्र कौशिक, धर्मबीर लाडपुर, जयपाल पहलवान, ब्रहमसिंह राणा, समाजसेवी पूनम गौड़, सतीश शास्त्री उपस्थित रहे। सांग के आयोजन में संरक्षक पालेराम शर्मा, प्रधान प्रवीण शर्मा व महासचिव सतीश शर्मा आदि तमाम लोगों का सहयोग रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज

   

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