उत्तराखंड जेलों में बड़े बदलाव: अपर पुलिस महानिदेशक के नए निर्देश
- Admin Admin
- Dec 05, 2024
- वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर के जेल अधिकारियों से चर्चा, मांगे सुझाव
देहरादून, 05 दिसंबर (हि.स.)। उत्तराखंड में जेल प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त और आधुनिक बनाने के लिए नवनियुक्त अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) अभिनव कुमार ने कड़े कदम उठाए हैं। उन्हाेंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी कारागार अधीक्षकों संग बैठक की। पहली बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक ने जेलों को अपराध मुक्त और सुधार केंद्र में बदलने का विजन प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अधिकारियों को ठोस कार्ययोजना तैयार करने और कड़े दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा।
बैठक की शुरुआत में नवनियुक्त अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) अभिनव कुमार ने बताया कि कार्यभार संभालते समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्य में एक आधुनिक, प्रभावी और सुदृढ़ जेल प्रशासन उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इस लक्ष्य को पाने के लिए कारागार विभाग को हरसंभव संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। एडीजीपी अभिनव कुमार ने सभी कारागार अधिकारियों से उनके सामने आने वाली प्रमुख समस्याओं और सुधार के सुझाव मांगे। इन सुझावों पर विचार करते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये। एडीजीपी ने सभी कारागार अधीक्षकों को कारागार विभाग का कैडर रिव्यू करने, नए वाहनों का क्रय करने, नवीन आपराधिक कानूनों के अनुसार बंदियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी एवं रिमांड कराने की व्यवस्था करने, सभी कारागार अधिकारियों का वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण कराने का सुविचारित प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। बैठक में उप महानिरीक्षक कारागार दधिराम, सहायक महानिरीक्षक कारागार धीरेंद्र गुंज्याल एवं समस्त कारागारों के वरिष्ठ अधीक्षक, अधीक्षक, प्रभारी अधीक्षक उपस्थित थे।
अपराधियों की गतिविधियों पर सख्ती
बैठक का उद्देश्य कारागार प्रशासन को सुदृढ़ करना और उसकी समस्याओं का समाधान करना था। अपर पुलिस महानिदेशक (कारागार) ने सभी कारागार अधिकारियों को निर्देश दिए कि जेलों में बंद अपराधी किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों का संचालन न कर सकें। उन्होंने कहा कि जेल किसी भी दशा में अपराधियों की शरणस्थली नहीं बननी चाहिए।
बंदियों की समय पर पेशी की अनिवार्यता
अपर पुलिस महानिदेशक ने स्पष्ट किया कि बंदियों को न्यायालय में समय पर प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही हुई तो संबंधित जेल प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
नशामुक्त उत्तराखंड 2025 के लिए कारागार विभाग का योगदान
मुख्यमंत्री धामी के 'नशामुक्त उत्तराखंड 2025' के लक्ष्य को प्राप्त करने में जेल विभाग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए अपर पुलिस महानिदेशक ने निर्देश दिए कि जेलों में नशे के आदी बंदियों को पुनर्वास और नशामुक्ति के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण