सड़कों पर निराश्रित पशुओं की धमाचौकड़ी पर मुख्य सचिव नाराज, दिए कड़े निर्देश
- Admin Admin
- Dec 03, 2024
- गौवंशीय पशुओं की जानकारी के लिए डैशबोर्ड और एप शीघ्र होगा लाॅन्च
- शहरी क्षेत्राें में 36 गाैसदनाें का निर्माण कार्य पूरा करने का दिया निर्देश
देहरादून, 3 दिसंबर (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने निराश्रित गौवंशीय पशुओं को सड़कों पर पाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि गाैवंश के गाेद लेने पर उत्तराखंड सरकार अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक मानदेय देता है। फिर भी सड़कों पर पशुओं की धमाचौकड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि गौवंशीय पशुओं जानकारी के संबंध में डैशबोर्ड और एक एप जल्द ही लाॅन्च किया जाएगा।
मंगलवार को मुख्य सचिव सीएस राधा रतूड़ी सचिवालय में उत्तराखंड एनिमल वेल्फेयर बोर्ड की गौसदनों के निर्माण से संबंधित बैठक काे संबाेधित कर रही थीं। इस दौरान मुख्य सचिव ने शहरी विकास विभाग की ओर से शहरी क्षेत्रों स्थापित की जाने वाली 36 गौसदनों के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में निराश्रित गौवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को दिया जाने वाले मानदेय देशभर के अन्य राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक है। यह प्रतिदिन 80 रुपये प्रति पशु है। बावजूद निराश्रित गौवंशीय पशु सड़क पर धमाचौकड़ी करने से आमजन परेशान हो रहे हैं। मुख्य सचिव ने सचिव शहरी विकास को नगर पालिकाओं की ओर से प्रत्येक माह शहरी क्षेत्रों में सड़कों में पाए जाने वाले निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या की समीक्षा, माॅनिटरिंग और उन्हें गौसदनों में भेजने की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि शहरी विकास विभाग की ओर से राज्य के 13 जिलों में 36 गौसदनों के लिए भूमि चिन्हित कर ली गई है और 13 गौसदनों का निर्माण कार्य जारी है। मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किए जाने वाले 26 गौसदनों के निर्माण कार्य को भी शीघ्र आरंभ करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए विभाग को मिसिंग लिंक के माध्यम से 10 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है। इस संबंध में पंचायतीराज विभाग की ओर से भूमि चिन्हीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है।मुख्य सचिव ने निर्माणधीन और संचालित गौसदनों के संचालन व रखरखाव की निरन्तर माॅनिटरिंग की सख्त हिदायत देते हुए गौसदनों में गौवंश के लिए चारा, भूसा, प्रकाश, चिकित्सा, सुरक्षा और दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने गौसदनों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं।
सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बेसहारा गौवंशीय पशुओं की समस्या के दीर्घकालीन समाधान में आधुनिक तकनीकी व आईटी के उपयोग पर बल देते हुए राज्य के सभी गौवंशीय पशुओं की अनिवार्य जियोटैगिंग करने को कहा है। साथ ही इस संबंध में जल्द लाॅन्च होने वाले एप एवं डैशबोर्ड में प्रत्येक गौवंशीय पशु की आयु,चिकित्सा व अन्य जानकारी से संबंधित डाटा एनालिसिस के निर्देश दिए हैं। उन्होंने निराश्रित पशुओं की देखभाल में गौसेवक योजना को महत्वपूर्ण बताया और इसके अधिकाधिक विस्तार के निर्देश दिए हैं।
राज्य में 20887 हैं निराश्रित गौवंशीय पशुओं
उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड की ओर से जानकारी दी गई है कि राज्य में वर्तमान में निराश्रित गौवंशीय पशुओं की संख्या 20887 है। इस अवसर पर सचिव डॉ.बीवीआरसी पुरूषोत्तम,नितेश झा,चंद्रेश कुमार,वी षणमुगम सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार