उत्तराखंड में बीते 48 घंटों में विजिलेंस ने चमोली और पौड़ी से दो रिश्वतखोरों को किया गिरफ्तार
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- Oct 06, 2024
-भ्रष्टाचार में शामिल व्यक्ति पर होगी कठोर कार्रवाई : मुख्यमंत्री
देहरादून, 06 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश में बीते 48 घंटों में विजिलेंस टीम ने चमोली के आबकारी निरीक्षक और पौड़ी जिले के राजस्व निरीक्षक को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
पौड़ी जिले के अगरोड़ा क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) कैलाश रवि को शनिवार को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस घटना के तुरंत बाद रविवार को चमोली जिले के कर्णप्रयाग क्षेत्र के आबकारी निरीक्षक जयबीर सिंह को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए सतर्कता सेक्टर देहरादून की टीम द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले दिन से ही भ्रष्टाचारियों को सख्त चेतावनी दी है। आम जनता की भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों को सुनने के लिए राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त ऐप 1064 को भी लॉन्च किया गया है। प्रदेश के हर छोटे-बड़े सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार मुक्त ऐप 1064 के पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिससे लोगों में जागरूकता पैदा हो। ऐप में अब तक 980 से ज्यादा विजिलेंस और नॉन विजिलेंस की शिकायतों दर्ज हुई हैं। इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्य करते हुए विजिलेंस ने रिश्वतखोरों को जेल भेजा है।
बीते 09 माह में विजिलेंस ने करीब 30 रिश्वतखोरों को जेल भेजा है। बीते 48 घंटे में दो गिरफ्तारियों से यह आंकड़ा 32 के करीब पहुंच गया है। 23 साल के उत्तराखंड में जहां भ्रष्टाचार से जुड़े 281 ट्रैप में कुल 303 गिरफ्तार हुए हैं। वहीं बीते 3 सालों में विजिलेंस ने करीब 70 भ्रष्टाचारियों को जेल भेजा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनता को परेशान करने वाले, भ्रष्टाचारियो के खिलाफ आगे भी तेजी से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में शामिल होगा उसपर कठोर कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस को और अधिक सशक्त बनाया गया है।
भ्रष्टाचारियों पर यह कार्रवाई ’भ्रष्टाचारमुक्त ऐप 1064’ की लांचिंग के बाद तेजी से हुई है। यह ऐप आम नागरिक के लिए मददगार साबित हो रहा है। इस ऐप के मार्फत आम नागरिक बेझिझक रिश्वतखोरों, कामचोरों और बेवजह काम लटकाने वालों को सबक सीखा रहे हैं। इस ऐप में शिकायत करने वाले लोगों की पहचान गुप्त रखी जाती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार