सोनीपत:चीनी मिल में गन्ने का संकट,क्षेत्र और उत्पादन में भारी गिरावट

गन्ने         का प्रतीकातमक फोटो

सोनीपत, 1 नवंबर (हि.स.)। सोनीपत जिले की आहुलाना चीनी मिल में गन्ने की कमी से पेराई

का लक्ष्य घटा दिया गया है। गन्ने का रकबा लगातार कम हो रहा है, जिससे मिल का उत्पादन

प्रभावित हो रहा है। किसानों की प्राथमिकता बदलने और जलभराव जैसी समस्याओं के कारण

गन्ना उत्पादन में गिरावट आई है।

सोनीपत के गांव आहुलाना स्थित चीनी मिल को इस साल गन्ने की

भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। गन्ने का क्षेत्रफल पिछले कुछ वर्षों में 20 हजार

एकड़ से घटकर केवल 8,800 एकड़ रह गया है, जिससे पेराई का लक्ष्य इस साल 18 लाख क्विंटल

तक सीमित कर दिया गया है। पिछले साल यह लक्ष्य 35 लाख क्विंटल था। किसानों ने अब गन्ने

के स्थान पर धान जैसी फसलों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है, क्योंकि मंडियों में

धान के अच्छे दाम मिलते हैं। इसके अलावा, निचले इलाकों में जलभराव के कारण गन्ने की

फसल को नुकसान होता है, जिससे किसानों का रुझान अन्य फसलों की ओर बढ़ गया है।

आहुलाना चीनी मिल की प्रबंध निदेशक अंकिता वर्मा ने बताया

कि मिल का पेराई सत्र नवंबर में शुरू होने के लिए तैयार है और गन्ने की बॉन्डिंग भी

पूरी कर ली गई है। वहीं, अशोक लठवाल, कृष्ण मलिक, भगत सिंह, बिजेंद्र, धर्म सिंह, प्रदीप,

रोहताश आदि किसानों ने पेराई सत्र 15 नवंबर से पहले शुरू करने और गन्ने की दर बढ़ाने

की मांग की है। इसके अलावा, किसानों ने पिछले वर्षों में काटी गई पेनाल्टी का भुगतान

ब्याज सहित करने की भी मांग की है। इस संबंध में किसानों ने मिल अधिकारियों को ज्ञापन

सौंपा और नारेबाजी भी की। किसानों ने मिल प्रशासन से खराब सड़कों की मरम्मत की भी अपील

की है, क्योंकि सड़कों की खराब स्थिति के कारण गन्ने की ट्रॉलियों के पलटने का खतरा

बना रहता है, जिससे किसानों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र परवाना

   

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