संजीवनी मामले को लेकर राजनीति कर रहे अशोक गहलोत: शेखावत

जोधपुर, 27 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पीडि़तों को न्याय दिलाने की पूर्व मुख्यमंत्री की नीयत कभी नहीं रही। वो पहले भी इस प्रकरण को लेकर राजनीति कर रहे थे और आज भी वही कर रहे हैं। अब जब मानहानि में खुद को फंसता देख रहे हैं तो उन्हें मेरी दिवंगत मां का सम्मान भी याद आ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री के एक बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने कहा कि संजीवनी प्रकरण में हाईकोर्ट से मुझे मिली क्लीन चिट से अशोक गहलोत व्यथित हो उठे हैं। जब तक वो सत्ता में थे, सरकार के संसाधनों का दुरुपयोग कर मुझे फंसाने की कोशिशें करते रहे। मुझे फंसाने के लिए वकीलों पर सरकारी कोष से 40 करोड़ रुपए खर्च कर दिए, लेकिन जनता ने उन्हें सत्ता से बाहर कर जवाब दिया। शेखावत ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि अब उन्हें मेरी दिवंगत मां के सम्मान की याद आ रही है। जब उन्होंने मेरी दिवंगत मां को लेकर अनर्गल बयानबाजी की थी, तब क्यों उनके मन में ऐसा सम्मान नहीं आया। अब जब कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस और मजबूत हो गया है तो उन्हें कानून का डर सता रहा है।

न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अशोक गहलोत को हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायाधीश से एसआईटी गठन कर एसओजी की जांच की याद आ रही है। साफ है कि उन्हें सरकारी एजेंसियों पर कतई भरोसा नहीं है। शेखावत ने कहा कि भारत के संविधान और न्याय व्यवस्था पर मुझे पूरा भरोसा है। दुर्भावना के साथ पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने विरोधियों के खिलाफ जो षडयंत्र रचे, उसकी सजा उन्हें शीघ्र मिलेगी। यह उनके अपने बचाव में दिए बयान से और स्पष्ट हो गया है। बता दें कि गहलोत राज में एसओजी ने शेखावत को संजीवनी मामले में आरोपी बताया था, लेकिन अब एसओजी ने शेखावत की इस 960 करोड़ के घोटाले मामले में भूमिका नहीं मानते हुए क्लीन चिट की रिपोर्ट हाईकोर्ट में दे दी, जिसके चलते कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। इसके बाद अब शेखावत लगातार पूर्व सीएम गहलोत पर हमलावर हैं।

गहलोत यह जारी किया था बयान

संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को राहत मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान कर एसओजी पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया था। साथ ही मांग की थी कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी से मामले की जांच होनी चाहिए। अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान जारी कर कहा था कि इस केस के सैकड़ों पीडि़तों ने उनसे मुलाकात की, तब उन्होंने एसओजी से इस मामले की जानकारी मांगी। तब एसओजी ने गृहमंत्री के रूप में उन्हें इन तथ्यों एवं इस प्रकरण की प्रगति से अवगत करवाया। उनका गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रति कोई व्यक्ति द्वेष नहीं था। एसओजी की इस ब्रीफिंग के आधार पर ही उन्होंने मीडिया के सामने शेखावत एवं उनके परिजनों पर लगे आरोपों की जानकारी सामने रखी। उनका शेखावत की स्वर्गीय माताजी के प्रति पूरा सम्मान है लेकिन राज्य के गृहमंत्री के रूप में उनके सामने लाए गए तथ्यों को पीडि़तों एवं जनता के सामने रखा जाना उनका कर्तव्य था। अब राज्य में सरकार बदलने के बाद एसओजी पर भाजपा सरकार ने दबाव बनाया। जिसके कारण एसओजी ने कोर्ट में यू-टर्न लिया और इन्हें आरोपी नहीं माना है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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