(न्यूज़ अपडेट) हाईकोर्ट में संविदाकर्मी  सुसाइड मामला: वकीलों ने रास्ता बंद कर किया प्रदर्शन

जयपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। अशोक नगर थाना इलाके में शुक्रवार सुबह राजस्थान हाईकोर्ट में एक संविदाकर्मी ने सुसाइड कर लिया। युवक का शव हाईकोर्ट परिसर के थर्ड फ्लोर पर एक कमरे में लटका मिला। मृतक के पास एक सुसाइड नोट मिला। इसमें उसने लिखा कि हे भगवान मुझे विजय मिले या वीरगति मिले। मैं बहुत परेशान हूं सरकार ने मेरा भला नहीं किया है मैं चाहता हूं कि मेरे जो भी भाई है जो मेरे साथ काम कर रहे हैं सरकार उनका भला जरूर करें। घटना के बाद वकीलों ने शव को रखकर प्रदर्शन किया।

पुलिस के अनुसार बांदीकुई निवासी मनीष सैनी शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे रोज की तरफ काम पर हाईकोर्ट आया था। हाईकोर्ट के बी-ब्लॉक स्थित थर्ड फ्लोर पर अपील सेक्शन के कमरे में मनीष ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। वहां कार्यरत कर्मचारियों के आकर देखने पर कमरे के अंदर मनीष का शव फंदे से लटका मिला। सुसाइड की सूचना पर अशोक नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वीडियोग्राफी करवाकर तुरंत एफएसएल टीम को मौके पर बुलाया। एफएसएल टीम ने मौके से सबूत जुटाए। पुलिस ने मृतक मनीष के परिजनों को भी सुसाइड की सूचना देकर जयपुर बुलाया है। मनीष सैनी वह पिछले काफी समय से राजस्थान हाईकोर्ट में संविदा पर काम कर रहा था। घटना की सूचना पर रजिस्ट्रार प्रशासन सुरेश चंद बंसल, रजिस्ट्रार न्यायिक मनोज कुमार सोनी सहित रजिस्ट्रार रिट शैलेंद्र व्यास भी मौके पर पहुंचे। हालांकि सुबह की घटना के बाद कर्मचारियों में भी खासा रोष नजर आया और एजीए ऑफिस के सभी संविदाकर्मी बैठे धरने पर बैठ गए जहां मृतक मनीष सैनी के परिजन भी इस धरने में शामिल हुए। वकीलों ने प्रदर्शन कर मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग करने सहित बच्चे और माता-पिता के पालन पोषण के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने, मृतक के बच्चों को स्नातक तक शिक्षा मुफ्त व्यवस्था करने और सुप्रीम कोर्ट में लंबित एसएलपी को वापस लेने की मांग की। इसी के साथ उन्होंने इस मामले की उच्च अधिकारी से निष्पक्ष और त्वरित जांच करवाने की मांग की। मनीष के शव को हाईकोर्ट में रखकर प्रदर्शन कर रहे परिजनों और संविदा कर्मियों को वकीलों ने समर्थन देते हुए मामले को लेकर कोर्ट में पैरवी नहीं की। इसके अलवा बड़ी संख्या में वकील हाईकोर्ट के बाहर सड़क पर आकर रास्ता रोक दिया। हाईकोर्ट के बाहर वकीलों ने जाम लगाते हुए जमकर प्रशासन और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिससे हाईकोर्ट सर्किल से स्टैच्यू जाने वाले रास्ते और स्टैच्यू सर्किल से हाईकोर्ट जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा ने बताया- हाई कोर्ट परिसर स्थित इतनी बड़ी घटना हुई है। ऐसे में मानवीय आधार पर हमने सभी को सूचना दी है। मृतक मनीष का शव अभी इसी परिसर में है। इसलिए हम कार्य नहीं कर रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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