गुरुग्राम: बाबा साहेब ने राष्ट्रीय एकता की भावना को एक सूत्र में पिरोकर किया संविधान का निर्माण: पंकज डावर
- Admin Admin
- Dec 06, 2024
-संविधान निर्माता बाबा साहेब के परिनिर्वाण दिवस पर दी श्रद्धांजलि
-कमान सराय स्थित कांग्रेस भवन में मनाया गया परिनिर्वाण दिवस
गुरुग्राम, 6 दिसंबर (हि.स.)। संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीम राव अंबेडकर का शुक्रवार को यहां कमान सराय स्थित कांग्रेस भवन में परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। बाबा साहेब के चित्र पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कार्यकर्ताओं के साथ माल्यार्पण करते हुए उन्हें नमन किया। इसके बाद बाबा साहेब के समाज निर्माण के सिद्धांतों पर चर्चा की।
पकंज डावर के साथ कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी, सूबे सिंह यादव, प्रदीप दहिया, नरेश वरिष्ठ, सूबे सिंह पटौदी, सीमा हुड्डा, रोहित मदान, राजीव यादव, अजय साहू, मनोज आहुजा, सुरिन्द्र पाल, सुनीता तोमर, कृष्ण वाल्मीकि समेत कई कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब को नमन किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष रहे बाबा साहेब भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री थे। 14 अप्रैल 1891 को महू में जन्में बाबा साहेब एक बेहतरीन भारतीय अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। डा. अंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के पुरोधा थे। शोषितों और सिद्धांतों के कल्याण के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। भारत रत्न बाबा साहेब ने समरसता और राष्ट्रीय एकता की भावना को एक सूत्र में पिरोकर संविधान का निर्माण किया। उन्होंने देश को एक ऐसा प्रगतिशील और न्याय-प्रवर्तक संविधान दिया, जिसने गरीब से गरीब व्यक्ति को न्याय और अधिकार सुनिश्चित कराया। उन्होंने दलितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया।
उन्होंने दलितों की शिक्षा, कल्याण और सामाजिक-आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने के इरादे से एक केंद्रीय संस्था, बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की। कांग्रेस नेत्री पर्ल चौधरी ने बाबा साहेब को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने सार्वजनिक पेयजल संसाधनों को खोलने के लिए सार्वजनिक आंदोलन और मार्च शुरू किए। अछूतों को शहर के मुख्य जल टैंक से पानी भरने की अनुमति भी दी। उन्होंने हिंदू मंदिरों में प्रवेश के अधिकार के लिए भी संघर्ष किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत में रोजगार जन्म से तय होता है। इसके कारण अन्य क्षेत्रों में श्रम की गतिशीलता कम हो जाती है, जो भारत के आर्थिक विकास को प्रभावित करता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा