उदासीनता के चलते धूल फांक रही हैं वीवीएमसी परिवहन सेवा की इलेक्ट्रिक बसें

- स्वराज अभियान संस्था ने इन बसों के शीघ्र संचालन की मांग की

मुंबई, 3 अक्टूबर, (हि. स.)। राज्य सरकार एक ओर शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी तरफ करोड़ों रुपए की लागत से मंगाई गईं वसई-विरार शहर मनपा (वीवीएमसी) की इलेक्ट्रिक बसें धूल फांक रही हैं। इन बसों का उदघाटन मनपा ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया था। पर, ये बसें वीवीएमसी के परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते सड़कों पर नहीं आ सकीं। मौजूदा हालत यह है कि चोरों ने इन बसों से बैटरियां भी गायब कर दी हैं।

स्वराज अभियान संस्था के अध्यक्ष धनंजय गावड़े ने वीवीएमसी के कारभार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष दिसंबर 2023 में वसई-विरार शहर महानगरपालिका ने 62 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से 40 ई-बसों की सेवा शहर में शुरू करने के लिए ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड कंपनी के साथ करार किया था। इसके साथ ही 15 इलेक्ट्रिक चार्जिंग मशीनें भी खरीदी जानी थीं। इनमें से 10 इलेक्ट्रिक बसों का उदघाटन स्वतंत्रता दिवस के मौके पर किया गया था। पर, अब तक ये इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर नहीं आ सकीं। सभी बसें मनपा मुख्यालय परिसर में खड़ी धूल फांक रही हैं। देखरेख नहीं होने से चोरों ने 10 में से 8 बसों की बैटरी चुरा ली है। धनंजय गावड़े ने कहा कि यदि इन बसों को समय रहते चलाया गया होता, तो बैटरी चोरी जैसी घटना नहीं हुई होती। गावड़े ने वीवीएमसी प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द लोगों की सुविधा के लिए इन इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत की जानी चाहिए। ऐसा करने से इन बसों पर खर्च हुए करोड़ों रुपए का सदुपयोग हो सकेगा और नागरिकों की यातायात सुविधा सुगम होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / कुमार

   

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