सिरमौर  में मिला पश्चिम बंगाल से लापता हुआ व्यक्ति 

नाहन, 27 जनवरी (हि.स.)। लगभग एक वर्ष पूर्व पश्चिम बंगाल से लापता हुआ व्यक्ति सिरमौर जिला में मिला है। इस व्यक्ति का नाम मदन शाह है। एएसपी सिरमाैर योगेश रोल्टा ने बताया कि 24 जनवरी को रात साढ़े 11 बजे ग्राम पंचायत प्रधान देवका पुंडला नरेश चंद ने पुलिस थाना नाहन में सुचना दी कि कोई संदिग्ध व्यक्ति उनके गांव में घूमता पाया गया है और पुलिस को भेजा जाए। इस सुचना पर मामले की तस्दीक को पुलिस टीम मौके पर भेजी गयी उक्त व्यक्ति का नाम व पता जानने की हर सम्भव कोशिश की गयी लेकिन उसकी भाषा व बोलचाल की समस्या के कारण कुछ पता नहीं चल सका।

ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि यह व्यक्ति ने गांव में कोई भी शरारत नहीं की है और उन्होंने इसे खाना आदि खिलाया है। उस व्यक्ति के पास कोई पहचान पत्र या दस्तावेज भी नहीं था। वह व्यक्ति पढ़ा लिखा भी नहीं था और अपना मोबाईल तक बताने में असमर्थ था। इसपर पुलिस उसे नाहन थाना ले आयी और उसे संतरी की निगरानी में रखा गया।

25 जनवरी को थाने में पूछताछ के दौरान उस व्यक्ति ने अपने जिला कुच बिहार होना बताया। इस पर पुलिस ने पश्चिम बंगाल पुलिस से सम्पर्क किया व वट्स एप के माध्यम से उसके फोटो भेजे, वीडियो काल से व्यक्ति की पश्चिम बंगाल के तूफानगंज थाना में बात करवाई गयी तब उसने पुलिस को अपनी भाषा में पुलिस को अपने गाओं भुरकुश बताया।

26 जनवरी को बंगाल पुलिस ने पता करने के बाद इस व्यक्ति के भांजे स्वप्न शाह का मोबाईल नंबर उपलब्ध करवाया। इस पर नाहन पुलिस ने खुद स्वप्न शाह से बात करी और फिर वीडियो काल से इस व्यक्ति की बात करवाई गयी। स्वप्न शाह ने बतायाकि मदन शाह की गुमशुदगी की रिपोर्ट 15 फरवरी 2024 को तूफान गंज थाना में की थी।

इस दौरान स्वप्न शाह ने बताया कि वो पश्चिम बंगाल में रहते हैं और वो लोग गरीब हैं तो इतनी दूर नहीं आ सकते। साथ ही उसने बताया कि उनकी मासी राधा देवी और उनका लड़का विदेश शाह वृन्दावन यूँ पी में रहता है और उनका मोबाईल नंबर भी दिया। जिसपर पुलिस ने इस व्यक्ति की बात उनसे वीडियो कॉल से कराई। तो राधा ने उसे अपना भाई बताया।

एएसपी पी योगेश रोल्टा ने बताया कि सोमवार को मदन शाह की बहन राधा देवी, पत्नी श्यामल शाह निवासी वृन्दावन जिला मथुरा यूपी दोनों सदर थाना नाहन पहुंचे और मदन शाह को उनके हवाले किया गया। नाहन थाना पुलिस के कर्मियों ने अपनी तरफ से धनराशि भी इकठी करके उन्हें दी गयी व उन्हें उनके मूल स्थान को भेजा।

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