युवती ने कहा-पति को छोड़ सकती हूं रील बनाना नहीं

पूर्णिया,01 मार्च (हि.स.)।

पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में एक ऐसा मामला आया जब परामर्श केंद्र के सभी सदस्य एक युवती की बात सुनकर बहुत भौचक्के रह गए।

आज पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में कई मामलों के निष्पादन को लेकर सभी सदस्य अपना कार्य कर रहे थे। इसी दौरान एक मामला यह आया कि सुनवाई के दौरान युवती ने अपने पति तथा परामर्श केंद्र के सदस्यों के सामने कहा कि मैं अपने पति को छोड़ सकती हूं परंतु इंस्टाग्राम पर रिल बनाना नहीं छोड़ सकती हूं।

मामला कटिहार जिले के बरारी थाना का था। जिसमें पति द्वारा पत्नी की के द्वारा लगातार बेअदबी से छुटकारा पाने की गुहार लगाई गई थी। इन दोनों की शादी के 5 साल से ऊपर हो गए हैं और एक भी संतान नहीं होने के कारण दोनों ने चिकित्सक से अपना इलाज भी करवाया । पति द्वारा इलाज का कागज केंद्र के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिससे यह स्पष्ट नहीं हुआ की लड़की में दोष है या लड़का में। इसलिए फिर से इलाज करने को कहा गया।

सुनवाई के दौरान पत्नी ने कहा की मुझे शक है पति संतान पैदा करने में पूर्ण रूप से अक्षम है। इस बात पर पति दोबारा जांच के लिए तैयार हो गया। परंतु मामला तब और उलझ गया जब परामर्श केंद्र के सदस्यों के सामने पत्नी ने अपनी जांच के लिए इंकार कर दिया। बात जब और आगे बढ़ती गई तब पति ने कहा कि उसकी पत्नी इंस्टाग्राम पर रील बनाकर अपना अलग-अलग पोज में तस्वीर डालते रहती है जो मुझे या मेरे परिवार को अच्छा नहीं लगता है इसलिए परिवार के लोग उसका विरोध करते हैं। इसके तरह-तरह के रील्स को सोशल मीडिया पर डालना मेरे परिवार की बेइज्जती है।

इस पर लड़की ने सभी सदस्यों के बीच कहा कि मैं अपने पति को छोड़ सकती हूं लेकिन रील बनाना नहीं छोड़ सकती यह मेरा अपना फैसला है। यह बात सुनकर सभी लोग अचंभित रह गए की रिल्स के लिए एक पत्नी अपने पति को भी छोड़ने के लिए तैयार है।

इधर युवती जिद पर अड़ी रही कि मुझे इस पति के साथ नहीं रहना है । बात बढ़ती गई और तब जाकर पति ने कहा कि मैं कहना नहीं चाहता था परंतु कहना पड़ रहा है कि मेरी पत्नी का किसी अन्य के साथ गलत संबंध है। पत्नी ने जाते-जाते पुनः कहा कि मैं पति को छोड़ सकता हूं किंतु इंस्टाग्राम पर अपनी तस्वीर लगाना नहीं छोड़ सकती।परामर्श केंद्र के सदस्यों ने महसूस किया कि आज के युवक और युवतियां इंस्टाग्राम, सोशल मीडिया आदि के कारण सारी मान मर्यादा को भूलती चली जा रही है।परिवार टूटने की चिंता उसे नहीं है।

मामला को सुलझाने के लिए पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्य अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, बबीता चौधरी, प्रमोद जायसवाल, जीनत रहमान एवं नारायण गुप्ता ने अथक प्रयास किया परंतु यह मामला नहीं सुलझ सका और इन लोगों को आगे किसी और न्यायालय में जाने के लिए कहा गया। कल 10 मामले आए थे जिसमें 9 मामलों को सुलझा लिया गया और नौ घरों की जिंदगी फिर से आबाद हो गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह

   

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