कुरुक्षेत्र में आज रोडवेज कर्मियों की भूख हड़ताल:सरकार पर निजीकरण करने का आरोप; यूनियन बोली-विभाग में जानबूझकर दिखा रहे घाटा

कुरुक्षेत्र में रोडवेज के निजीकरण का आरोप लगाकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज कर्मी 24 घंटे तक भूख हड़ताल पर रहेंगे। हालांकि कर्मियों ने कामकाज बंद नहीं करने का ऐलान किया है। आज से 6 मई तक कर्मी निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर रहेंगे। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के डिपो प्रधान नरेंद्र पांचाल के मुताबिक, सरकार रोडवेज को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है। 2018 में 710 किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसें चलाई गईं थी, जिनकी औसत आय 10-11 रुपए प्रति किलोमीटर है, लेकिन उन्हें 32-33 रुपए प्रति किलोमीटर भुगतान किया जा रहा है। इससे विभाग को भारी नुकसान हो रहा है। ऑनलाइन परमिट की फीस जीरो यूनियन के सचिव रंजीत करोड़ा ने बताया कि, परिवहन मंत्री अनिल विज से कर्मचारियों को उम्मीद थी कि वे रोडवेज को घाटे से उबारेंगे, लेकिन इसके उलट सरकार ने प्राइवेट बसों को बढ़ावा देने का काम किया। हाल ही में 62 रुपए प्रति किलोमीटर किराए की इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई गई, जो घाटे का सौदा है। वहीं, निजी बसों के परमिट ऑनलाइन जारी कर दिए गए। उनकी परमिट फीस शून्य कर दी गई, जबकि नियमों के अनुसार न्यूनतम 25 हजार रुपए फीस होनी चाहिए। मैकेनिकों की भर्ती नहीं हुई सचिव ने बताया कि, साल 1993 के बाद वर्कशॉप में मैकेनिकों की कोई भर्ती नहीं हुई। कर्मचारियों के कई फायदे रोक दिए गए। सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद अधिकारी मांगों को लागू नहीं कर रहे। इस कारण सांझा मोर्चा ने 3 अप्रैल से 6 मई तक अलग-अलग डिपो में, 12-13 मई को सभी डिपो में भूख हड़ताल और 8 जून को परिवहन मंत्री के आवास अंबाला में न्याय मार्च करने का फैसला किया है।

   

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