हरियाणा में कल से महंगी होगी बिजली:मंत्री अनिल विज ने पल्ला झाड़ा, बोले- हमारा काम नहीं, हम केवल बैलेंस शीट बनाते हैं

हरियाणा में कल से बिजली महंगी हो सकती है। हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (HERC) की ओर से सुबह तक नोटिफिकेशन जारी होने की संभावना है। इसी बीच बिजली दरों को लेकर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने अपना पल्ला झाड़ लिया है। बिजली दरों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा है- बिजली के दाम बढ़ाने का काम हरियाणा बिजली विनियामक आयोग करता है। हमारे ऊपर यही दायित्व होता है कि हम अपनी बैलेंस शीट उन्हें भेजें। जब तक वह कुछ कहते नहीं हैं, तब तक इस बात का कोई जवाब नहीं दिया जा सकता। दरअसल, HERC बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए दरों में बढ़ोतरी करने जा रही है। इस बार संभावना है कि आयोग 25 पैसा प्रति यूनिट की दर से बिजली के बिल में बढ़ोतरी का ऐलान करे। 2022 में भी प्रति यूनिट बढ़ चुके 25 पैसे हरियाणा में बिजली की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होती हैं। 3 साल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। अंतिम बार वर्ष 2022-23 में 150 यूनिट तक के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट बढ़ाए गए थे। वर्तमान में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 12.37% और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में 9.15% लाइन लॉस है। HERC के चेयरमैन नंद लाल शर्मा ऑपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (ACC) व औसत राजस्व वसूली (ARR) के बीच के अंतर को कम करने के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, बिजली निगमों को जहां कार्यकुशलता में सुधार को कहा गया है, वहीं थोड़ी राहत देते हुए बिजली शुल्क टैरिफ में आंशिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी जा सकती है। 200 यूनिट से ज्यादा खपत पर 94.47 रुपए एफएसए BJP सरकार ने फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को साल 2026 तक पहले ही बढ़ा दिया है। बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त FSA देना होगा। 200 यूनिट से अधिक बिजली की खपत पर 94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। यह फैसला करने का कारण बिजली निगमों पर बढ़ रहे डिफॉल्टिंग अमाउंट को बताया जा रहा है। हालांकि, 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को FSA का भुगतान नहीं करना है। 2024 में मासिक शुल्क माफ कर चुकी सरकार हरियाणा सरकार ने बिजली उपभोक्‍ताओं को 2024 में एक राहत भी दी थी। जून 2024 में सरकार ने मासिक शुल्‍क माफ कर दिया था। इसके बाद से प्रदेश में जिन घरों में 2 किलोवाट तक के मीटर लगे हैं, उन्‍हें केवल खर्च की गई यूनिट का ही बिजली बिल भरना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब साढ़े 9 लाख बिजली उपभोक्‍ताओं को फायदा हुआ था। इससे पहले बिजली विभाग उपभोक्‍ताओं से प्रति किलोवाट 115 रुपए मासिक शुल्‍क के रूप में वसूलता था। खर्च की गई यूनिट के पैसों के साथ यह शुल्‍क जुड़ने से बिल भी बढ़ जाता था। हरियाणा सरकार ने मासिक शुल्‍क माफ करने की घोषणा बजट में की थी।

   

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