हुंडई ने इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी प्रौद्योगिकी में नवाचार के लिए आईआईटी के साथ किया समझौता

नई दिल्ली, 3 दिसंबर (हि.स.)। हुंडई मोटर ग्रुप ने इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी प्रौद्योगिकी में नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इन तीन संस्थानों में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे और आईआईटी मद्रास शामिल हैं।

आईआईटी दिल्ली में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में हुंडई मोटर समूह के अधिकारियों ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी, आईआईटी बॉम्बे के डीन (अनुसंधान और विकास) सचिन सी. पटवर्धन और आईआईटी मद्रास के डीन आईसीएसआर मनु संथानम की मौजूदगी में समझौते पर हस्ताक्षर किए।

समझौते के तहत आईआईटी दिल्ली में स्थापित होने वाला हुंडई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) हुंडई मोटर ग्रुप के प्रायोजन के माध्यम से संचालित होगा। हुंडई सीओई का प्राथमिक उद्देश्य बैटरी और इलेक्ट्रिफिकेशन में प्रगति को आगे बढ़ाना है। इसे विशेष रूप से भारतीय बाजार की अनूठी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

हुंडई मोटर ग्रुप रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी) प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर के प्रमुख वरिष्ठ उपाध्यक्ष नक्सप सुंग ने कहा कि वह आईआईटी के साथ मिलकर काम करने को लेकर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि हुंडई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भारत के शैक्षणिक परिदृश्य से प्रतिभाशाली व्यक्तियों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार करेगा। इससे नवाचार और भविष्य के विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता न केवल उद्योग-अकादमिक साझेदारी में अग्रणी के रूप में आईआईटी दिल्ली की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे शोध संस्थान और वैश्विक निगम महत्वपूर्ण तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए एक साथ आ सकते हैं।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंगन बनर्जी ने कहा कि आईआईटी दिल्ली में हमारा फोकस ऐसे शोध पर है, जो समाज और उद्योग पर प्रभाव डालता है। हुंडई मोटर ग्रुप और अन्य आईआईटी के साथ यह सहयोग परिवहन के भविष्य के लिए टिकाऊ, अभिनव समाधान विकसित करने के लिए शिक्षा और उद्योग को जोड़ने के दृष्टिकोण को मूर्त रूप देता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली के नेतृत्व में यह साझेदारी बैटरी प्रदर्शन अनुकूलन, इलेक्ट्रिक वाहन एकीकरण और ऊर्जा-कुशल प्रणालियों के विकास जैसे मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। संस्थान की अत्याधुनिक शोध सुविधाएं और प्रभावशाली नवाचार का इतिहास इसे इस अभूतपूर्व पहल के प्रमुख चालक के रूप में स्थापित करता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

   

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