मानव जीवन की सार्थकता भगवान को तत्व से जानकर निरंतर उसका भजन-ध्यान करें: महात्मा समता बाई ,

 
उधमपुर । स्टेट समाचार
 मां राजराजेश्वरी आश्रम प्रभारी महात्मा समता बाई ने आश्रम प्रांगण में आयोजित साप्ताहिक सत्संग में अपने सारगर्भित सत्संग विचार रखते हुए कहा कि मानव जीवन की सार्थकता इसी में है कि भगवान को तत्व से जानकर निरंतर उसका भजन-ध्यान करें। 
उन्होंने समझाया कि मनुष्य का जन्म मिलना भाग्य की बात है और इसे पाकर सत्संग प्राप्ति इसकी सार्थकता है। सत्संग से सुविचार आते हैं और जीवन जीने का मार्ग प्रशस्त होता है। जीवन को सफल और सार्थक बनाने की विधि प्राप्त होती है। कलुषित विचारों वाला व्यक्ति समाज में नफरत और विकृति ही फैलाता है। उनका कहना था कि भगवान के भजन की कमाई और शुभ कर्म ही हमारे साथ जाएंगे बाकी धरा का धरा यहीं रह जाएगा।
आज का मानव दूसरों की बुराइयों को ही जांचता रहता है। उसको अपने दुर्गुण नजर नहीं आते। सेवा और सत्संग श्रवण करने से मन का अहम और वहम नष्ट होता है। निर्मल मन से ही समय के महापुरुष से आत्म तत्व समझ में आता है।

   

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