सीएचओ ने फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगों की साफ-सफाई का तरीका बताया

देखभाल के लिए दी गई एमएमडीपी किट,योग पर जोर दिया गया

वाराणसी, 29 अप्रैल(हि.स.)। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) चोलापुर के आयुष्मान आरोग्य मंदिर धरसौना में फाइलेरिया (हाथी पांव) से ग्रसित रोगियों को प्रभावित अंगों के साफ सफाई का तरीका बताया। साथ ही 15 रोगियों को रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) किट और आवश्यक दवा प्रदान की गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अंकित सरन ने सभी रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके, योगा व सामान्य व्यायाम के बारे में अभ्यास कराया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार संस्था के सहयोग से आयोजित किया गया। सीएचओ अंकित सरन ने सभी रोगियों को एमएमडीपी किट के बारे में प्रशिक्षित किया।

उन्होंने बताया कि फाइलेरिया ग्रस्त अंगों मुख्यतः पैर की साफ-सफाई रखने से संक्रमण का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है। इसके प्रति लापरवाही बरतने पर अंग खराब होने लगते हैं। इससे समस्या बढ़ जाती है। संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए दवा भी दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की साफ-सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए एमएमडीपी किट प्रदान की जा रही है। इस किट में एक-एक टब, मग, बाल्टी तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। पेशेंट प्लेटफॉर्म के सदस्य समुदाय को फाइलेरिया के प्रति जागरूक कर रहे हैं। साथ ही बीमारी से जुड़े मिथक को भी दूर कर रहे हैं।

वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अजय कुमार सिंह ने सभी आशा कार्यकर्ताओं और संगिनी को फाइलेरिया (हाथ-पैरों में सूजन और अंडकोषों में सूजन) के कारण, लक्षण, पहचान, जांच, उपचार व बचाव आदि के बारे में विस्तार से बताया। फाइलेरिया की सभी ग्रेडिंग (हाथ-पैरों में सूजन व घाव की स्थिति) के बारे में जानकारी दी।

ग्राम धरसौना में बने पेशेंट प्लेटफॉर्म की सदस्य गुलाबी देवी (48) ने बताया कि वह लगभग 15 वर्ष से हाथीपांव बीमारी से ग्रसित हैं। उन्होंने कई वर्षों तक इलाज कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अब प्लेटफॉर्म के साथ जुड़कर डॉक्टर से इसकी देखभाल के लिये सम्पूर्ण जानकारी मिली, जिससे वह अपने सूजे हुये पैरों की नियमित देखभाल कर रही हैं। अन्य सदस्य छीन्नु (62) ने बताया कि वह करीब 22 साल से फाइलेरिया हाथीपांव से ग्रसित हैं। कई वर्षों तक उपचार कराया, दवा भी खाई लेकिन आराम नहीं मिला। प्लेटफॉर्म के साथ जुड़ने के बाद फाइलेरिया के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिली। अब वह किट के जरिये अपने सूजे हुये पैरों की साफ-सफाई और देखभाल करती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

   

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