सेवक - रंगपो नई रेल लिंक परियोजना का मिला एक और माइलस्टोन

-टनल संख्या टी-04 को मिला ब्रेकथ्रू

गुवाहाटी, 9 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिला स्थित सेवक - रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) की 3948 मीटर लंबी टनल संख्या टी-04/पी2 के अडिट को बीते ब्रेक थ्रू मिल गया। इस परियोजना का यह एक प्रमुख माइलस्टोन है। इसके साथ ही इस परियोजना के सभी अडिट टनलों में खनन कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है।

यह जानकारी गुरुवार को पूर्वोत्तर सीमा रेल (पूसीरे) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची डे बताया है कि पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हनुमान झोरा के पास स्थित 599 मीटर की एक निकासी टनल के साथ मुख्य टनल टी-04 की लंबाई 3948 मीटर है। मुख्य टनल यंग हिमालय के अतिसंवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए, यहां नवीनतम और सबसे सॉफिस्टिकेटेड टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग मेथड (एनएटीएम) का उपयोग किया गया है।

उन्होंने बताया कि सेवक (पश्चिम बंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 45 किमी लंबी है और इसमें 14 टनल, 13 बड़े पुल, 09 छोटे पुल और 5 स्टेशन शामिल हैं। सबसे लंबी टनल (टी -10) की लंबाई 5.3 किमी और सबसे लंबा पुल (ब्रिज -17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना संरेखण का लगभग 38.65 किमी टनल से गुजर रहा है। टनलिंग कार्य का 93 फीसद पूरा हो चुका है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में टनल टी-14 और टी-09 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टनल टी-02, टी-03, टी -05, टी-06, टी-07, टी-10, टी-11 और टी-12 प्रगति पर है। अब तक कुल 13.13 किमी लाइनिंग पूरी हो चुकी है। सभी सेक्शनों में दिन-रात कार्य चल रहा है। यह भारत में चल रही प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूर्ण होने पर, पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क को पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक और स्थिर कनेक्टिविटी प्रदान करना है। वर्तमान में परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए टनलों, पुलों और स्टेशन यार्डों के निर्माण से संबंधित सभी काम-काज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/सुनील

   

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