जम्मू-कश्मीर का औद्योगिक क्षेत्र सबसे खराब स्थिति में है: नेकां

जम्मू, 9 मई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रांतीय अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कहा कि 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव लाने के सरकार के प्रयास उल्लेखनीय रूप से अपर्याप्त और पूरी तरह विफल रहे हैं, जिसका अंदाजा इस क्षेत्र के स्वास्थ्य से लगाया जा सकता है। यह सबसे खराब स्थिति है और क्षेत्र के मामलों का नेतृत्व करने वालों द्वारा जमीन पर कोई ईमानदार प्रयास दिखाई नहीं दे रहा है।

वीरवार को यहां मीडिया को जारी एक बयान में, वरिष्ठ नेकां नेता ने औद्योगीकरण के बड़े-बड़े दावों पर केंद्र की भाजपा सरकार से सवाल किया और पूछा कि जम्मू प्रांत में कितने मध्यम, छोटे और बड़े पैमाने के उद्योग स्थापित किए गए? 5 अगस्त, 2019 को संसद के पटल पर भारत के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा की गई प्रतिबद्धता के अनुसार औद्योगिक श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की उद्योग विरोधी नीति और जीएसटी का बोझ के कारण कई औद्योगिक इकाइयां बंद हो गईं और बड़ी संख्या में उद्योग आज बंद होने के कगार पर हैं। इतना ही नहीं उक्त बंदी के कारण हजारों युवाओं को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है।

रतन लाल गुप्ता ने कहा कि बयानबाजी के अलावा सरकार के पास जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि पिछले लगभग दस वर्षों में नए उद्योग स्थापित करने का रिकॉर्ड निराशाजनक रहा है जबकि सत्ता में रहने वाली पार्टी ने गुजरात जैसे अपने शासित राज्यों में उद्योगों के परिदृश्य को बदल दिया है। प्रोत्साहन और जीएसटी प्रबंधन भी दयनीय है क्योंकि हितधारक रिफंड के लिए तरस रहे हैं लेकिन उनकी दुर्दशा सुनने वाला कोई नहीं है। औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र एक सूक्ष्म और रणनीतिक दृष्टिकोण की मांग करता है, जो क्षेत्र के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों का समाधान करने के लिए यहां गायब है। अपर्याप्त कनेक्टिविटी, बिजली की कमी, और उप-इष्टतम लॉजिस्टिक समर्थन व्यवसायों के कामकाज में बाधा बनी हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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