झांसी में भाजपा प्रत्याशी की खुद से टक्कर, अपने 59 प्रतिशत मतों के रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती

चुनौती की तस्वीर

- 67 सालों से सर्वाधिक 66 प्रतिशत मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड आज भी कांग्रेस के सुशीला नैय्यर के नाम

- झांसी में सबसे कम 24 प्रतिशत मत पाकर संसद पहुंचे थे राजेंद्र अग्निहोत्री

महेश पटैरिया

झांसी,12 मई (हि.स.)। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सांसद अनुराग शर्मा का टकराव किसी दूसरे से नहीं बल्कि स्वयं के बनाए रिकॉर्ड से है। उन्हें पिछली बार 2019 में रिकॉर्ड 59 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। अब देखना यह है कि इस रिकार्ड को स्वयं तोड़ते हुए अधिक जनसमर्थन जुटा पाते हैं या नहीं। यही उनके लिए चुनौती है कि वह नया रिकॉर्ड कायम करते हुए अपनी जीत सुनिश्चित करें। हालांकि अब तक सर्वाधिक मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड 67 वर्षों से कांग्रेस की मंत्री व महात्मा गांधी की डॉक्टर रहीं सुशीला नैय्यर के नाम बना हुआ है।

67 सालों में 15 लोकसभा चुनाव हुए, लेकिन डॉ सुशीला नैय्यर के 66 प्रतिशत मत प्राप्त करने का रिकॉर्ड कोई भी अन्य प्रत्याशी नहीं तोड़ पाया। जबकि सबसे कम मत प्राप्त करके सांसद बनने का रिकॉर्ड अभी तक भारतीय जनता पार्टी के सांसद राजेंद्र अग्निहोत्री के नाम दर्ज है। वह 1996 के चुनाव में महज 24 प्रतिशत वोट पाकर चुनाव जीत गए थे।

इस बार लोकसभा चुनाव 2024 के लिए झांसी-ललितपुर संसदीय सीट पर 20 मई को पांचवें चरण का मतदान होना है। देखना यह है कि क्या सांसद अनुराग शर्मा अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने में समर्थ रहेंगे ? रिकॉर्ड टूट पाएगा? या फिर विपक्ष इस चुनौती को स्वीकार करेगा। वहीं वर्तमान सांसद पर दाेबारा जीतकर संसद पहुंचने की भी चुनौती होगी।

ये हैं 1952 से अब तक का राजनीतिक ब्यौरा

1952 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के रघुनाथ विनायक धुलेकर ने जीत दर्ज की थी। तब झांसी में 3,59,042 मतदाता थे। 1,35,532 लोगों ने मतदान किया था और धुलेकर को 37.8 फीसदी वोट मिले थे। 1957 में हुए दूसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुशीला नैय्यर को उतारा। वे इतनी लोकप्रिय हुई कि जनता ने उनको भरपूर वोट किए। उन्हें 66.02 फीसदी वोट मिले थे और वह झांसी की पहली महिला सांसद बन गई थीं। 22.64 प्रतिशत वोट पाकर चंदन सिंह दूसरे पायदान पर रहे थे। 1962 में सुशीला नैय्यर 45.41 प्रतिशत वोट पाकर फिर सांसद बनी। जबकि दूसरे नंबर पर रहे सीपीआई के पन्ना लाल को 39.78 फीसदी वोट मिले थे। इसके बाद 1967 में लगातार तीसरी बार कांग्रेस की सुशीला नैय्यर सांसद चुनी गई थी। तब उनको 40.54 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके बाद 1971 में सुशीला हार गई और 53.26 फीसदी मत पाकर कांग्रेस के गोविंद दास रिछारिया सांसद चुने गए थे। 1977 में भारतीय लोकदल की टिकट पर चुनाव लड़ी सुशीला नैय्यर ने जबरदस्त समर्थन हासिल किया और 65.49 फीसदी वोट लेकर चौथी बार सांसद बन गई।

पिछले चुनाव में भाजपा को 59.4 प्रतिशत वोट

1980 में कांग्रेस (इंदिरा) से विश्वनाथ शर्मा 49.81 फीसदी, 1984 में कांग्रेस के सुजान सिंह बुंदेला 53.18, 1989 में बीजेपी के राजेंद्र अग्निहोत्री 49.59, 1991 में भाजपा के राजेंद्र अग्निहोत्री 40.76 फीसदी मत प्राप्त करके सांसद चुने गए। 1996 में भी बीजेपी के राजेंद्र अग्निहोत्री ही चुनाव जीते, मगर उनका मत प्रतिशत काफी कम हो गया। इस चुनाव में उन्हें 24.45 फीसदी वोट मिले। जबकि, दूसरे स्थान पर रहे सपा के हरगोविंद कुशवाहा को 20.02 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। इसके बाद 1999 में कांग्रेस के सुजान सिंह बुंदेला को 37.76, 2004 में सपा के चंद्रपाल सिंह यादव को 29.13, 2009 में कांग्रेस के प्रदीप जैन को 29.32 और 2014 में भाजपा की उमा भारती को 43.6 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि पिछले चुनाव में भाजपा के अनुराग शर्मा को 59.4 प्रतिशत वोट मिले थे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित

   

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