लोस चुनाव : मोहनलालगंज में कायम है रामलाल का रिकार्ड, सिर्फ तीन ने लगाया अर्धशतक

लखनऊ, 17 मई (हि.स.)। लखनऊ जनपद में दो लोकसभा सीटें आती है। इसमें मोहनलालगंज सुरक्षित सीट का प्रदेश की राजनीति में आजादी के बाद से ही अहम स्थान है। इस सीट पर अब तक 15 संसदीय चुनाव में भारतीय लोकदल प्रत्याशी के 76 फीसदी से ज्यादा वोट पाने का रिकार्ड अब तक कायम है। कोई दूसरा प्रत्याशी इस रिकार्ड को तोड़ना तो दूर उसके आसपास भी पहुंच नहीं सका है। उल्लेखनीय है मोहनलालगंज संसदीय सीट पर अब तक सिर्फ तीन उम्मीदवार 50 फीसदी से ज्यादा वोट पाकर जीते हैं।

पहले चुनाव में विजेता को मिले 49 फीसदी वोट

1962 में अस्तित्व में आई मोहनलालगंज सुरक्षित सीट पर हुए पहले आम चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी ने कुर्सी पर कब्जा जमाया। गंगा देवी को 78,752 (49.92 प्रतिशत) वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे जनसंघ प्रत्याशी रामबख्श को 34,542 (18.83 प्रतिशत) वोट प्राप्त हुए। इस चुनाव में मोहनलालगंज संसदीय सीट पर 46.20 फीसदी मतदान हुआ। कुल एक लाख 83 हजार 481 वोटरों ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 1967 और 1971 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर गंगादेवी ने इस सीट पर जीत की हैट्रिक लगाई थी। इन चुनाव में गंगा देवी को क्रमश: 41.36 फीसदी और 62.97 फीसदी वोट मिले थे।

1977 में रामलाल को मिले 76.08 फीसदी वोट

इमरजेंसी के बाद देश में छठी लोकसभा के लिए साल 1977 में हुए चुनाव में देशभर में कांग्रेस विरोध की प्रचण्ड लहर बह रही थी। इस लहर का असर मोहनलालगंज में देखने का मिला। भारतीय लोकदल के प्रत्याशी रामलाल कुरील मोहनलालगंज सीट से जीतकर दिल्ली पहुंचे। रामलाल पर वोटरों ने दिलखोलकर वोट लुटाये। रामलाल के हिस्से में 203,445 (76.08 प्रतिशत) वोट आए। तीन बार की सांसद कांग्रेस प्रत्याशी गंगा देवी को 47,702 (17.84 प्रतिशत) वोटों से ही संतोष करना पड़ा। रामलाल ने 1 लाख 55 हजार 742 वोटों के अंतर से ये चुनाव जीता था। इस चुनाव में कुल 4 प्रत्याशी मैदान में थे। इस चुनाव में मोहनलालगंज संसदीय सीट पर 45.65 फीसदी मतदान हुआ। कुल 2 लाख 67 हजार 424 वोटरों ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

1977 के बाद के चुनाव का हाल

साल 1977 के चुनाव के बाद इस सीट पर अब तक हुए 11 आम चुनाव में कोई भी विजेता रामलाल के रिकार्ड को तोड़ या बराबरी नहीं कर सका। सिर्फ एक विजेता 50 फीसदी का आंकड़ा छूने में सफल रहा। 1980 में इस सीट से विजेता कांग्रेस प्रत्याशी कैलाशपति को 44.06 फीसदी वोट हासिल कर सके। 1984 के विजेता जगन्नाथप्रसाद (कांग्रेस) को 55.52 फीसदी, 1989 में विजयी रहे सरजू प्रसाद सरोज (जनता दल) को 42.16 फीसदी, 1991 के चुनाव विजेता छोटे लाल (भाजपा) को 27.50 फीसदी, 1996 में यहां से सांसद बनी पूर्णिमा वर्मा (भाजपा) को 35.43 फीसदी वोट हासिल हुए।

1998 और 1999 में इस सीट से विजयी रही सपा प्रत्याशी रीना चौधरी को क्रमश: 34.20 फीसदी और 29.93 फीसदी वोट हासिल हुए। 2004 में भाजपा के जय प्रकाश यहां से विजयी रहे। जय प्रकाश को 25.98 फीसदी वोट मिले।

पिछले तीन चुनाव का हाल

15वीं लोकसभा के साल 2009 में हुए चुनाव में सपा की सुशीला सरोज के हिस्से में 36.93 फीसदी वोट आए। वहीं 2014 और 2019 में यहां से सांसद निर्वाचित हुए भाजपा के कौशल किशोर के खाते में क्रमश: 40.77 फीसदी और 49.58 फीसदी वोट ही आए।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

सम्बंधित खबर