जनकवि घनश्याम रतूड़ी की 90वीं जयंती पर हुआ कवि सम्मेलन

नई टिहरी, 19 मई (हि.स.)। जनकवि व चिपको आंदोलन के नेता घनश्याम रतूड़ी सैलानी की 90वीं जयंती पर रविवार को घनसाली के बेलेश्वर में कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कोरोना काल में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले डॉ. गोविंद रावत को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर बालगंगा सेवानिवृत्त संघ के महामंत्री उम्मेद सिंह चौहान ने कहा कि स्व. सैलानी की जन्मभूमि और कर्मभूमि बालगंगा घाटी रही है। इस घाटी में उन्होंने तमाम जनआंदोलन चलाएं और लोक गीतों के साथ ही कविताएं लिखीं। उन्होंने कहा कि स्व. सैलानी ने चिपको आंदोलन, शराबबंदी जैसे कई समाजहित के कार्य किए। उपस्थित लोगों ने स्व. घनश्याम रतूड़ी को श्रद्धांजलि देते हुए उनकी ओर से किए कार्यों को याद किया।

इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच की ओर से कोरोना काल में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले होम्योपैथी राष्ट्रीय सेवा रत्न पुरस्कार से सम्मानित डॉ. गोविंद रावत को सम्मानित किया गया। डॉ. रावत ने कहा कि कोरोना काल में हम दस लोगों की टीम बनाकर घनसाली और प्रतापनगर में 61 कैंप लगाकर एक लाख से अधिक लोगों को मदद पहुंचाने में सफल हुए। उन्होंने कहा कि जिस कारण आज राष्ट्रीय होम्योपैथी सेवा रत्न पुरस्कार और इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच पुरस्कार सहित जितने भी सम्मान मुझे प्राप्त हुए हैं, उनका श्रेय शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त मेरे पिता व चाचा सहित क्षेत्र के तमाम लोगों को जाता है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का इंद्रमणि बडोनी कला एवं साहित्य मंच के अध्यक्ष लोकेंद्र दत्त जोशी, मुख्य अतिथि गोविंद रावत ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया।

इस मौके पर आरबी सिंह, भारत सिंह नेगी, धर्म सिंह बिष्ट, विजयराम जोशी, हर्षदेव भट्ट, गोविंद प्रसाद बड़ोनी, राजेंद्र बिष्ट, धनपाल सिंह रावत, कुंवर सिंह रावत, लोकेंद्र सिंह रावत, रामचन्द्र शाह, शैलेंद्र गैरोला, विजय सिंह कोहली, भूपेंद्र मेहरा, हर्षमण उनियाल आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/प्रदीप डबराल/सत्यवान/रामानुज

   

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